REWA : कांग्रेस के बाबा बने शहर के सरकार; 24 साल बाद जीता महापौर का पद, तीन बार पार्षद रह चुके हैं अजय मिश्रा

 

REWA : कांग्रेस के बाबा बने शहर के सरकार; 24 साल बाद जीता महापौर का पद, तीन बार पार्षद रह चुके हैं अजय मिश्रा

REWA MAYOR RESULTS 2022 : ऋतुराज द्विवेदी। रीवा में 24 सालों के बाद कांग्रेस के सिर पर महापौर का सहरा सजने वाला है। यहां कांग्रेस प्रत्याशी अजय मिश्रा बाबा ने बड़ी जीत हासिल की है। उन्होंने भाजपा के महापौर प्रत्याशी प्रबोध व्यास (Prabodh Vyas) को लगभग 9000 वोटों से हराया है। यहां लगातार भाजपा जीतती रही है। इस बार भाजपा ने कहा था कि हमारे यहां कि बिजली, पानी वगैरह सब बिल्कुल सही है। हालांकि, ऐसा नहीं था। जनता भाजपा से नाराज थी। इसके चलते कांग्रेस इतनी बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब रही। वहीं कांग्रेस की जीत का सबसे बड़ा कारण उनका एकजुटता से चुनाव लड़ना है। इससे पहले कांग्रेस के ही प्रत्याशी दूसरी पार्टियों या निर्दलीय लड़कर कांग्रेस के वोट काटते रहे हैं।

कांग्रेस की जीत के बड़े कारण (Reasons for Congress's victory)

इस बार महापौर बने कांग्रेस के बड़े नेता अजय मिश्रा बाबा 15 साल से पार्षद हैं। इसके साथ ही वे नेता प्रतिपक्ष के पद पर भी रह चुके हैं। इसके चलते शहरी लोगों से सीधे जुड़े हुए हैं। वहीं रीवा से चार बार के विधायक और पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला से नाराजगी का फायदा भी अजय मिश्रा को मिला है। यहां पांच साल बाद भी सीवर लाइन का काम पूरा नहीं हुआ। निर्माण कार्यों का जनता में प्रचार-प्रसार तो बहुत किया गया लेकिन असल में कुछ खास नहीं हुआ। वहीं अजय मिश्रा की जमीनी कार्य कर्ता की छवि ने भी उन्हें फायदा पहुंचाया है।

भाजपा की हार के बड़े कारण (Big reasons for BJP's defeat)

अगर भाजपा के हार के कारणों की बात की जाए तो रीवा में उनके प्रति आक्रोश है। भाजपा प्रत्याशियों का संगठन तक ही सीमित होना। राजेन्द्र शुक्ला का टैग होना, आपस में गुटबाजी आदि बड़े कारण हैं। यहां असली और नकली ब्राह्मणों की लहर भी चली। सरयू पार ब्राह्मण नहीं होने के चलते भाजपा प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पड़ा।

तीन बार पार्षद रह चुके हैं अजय मिश्रा (Ajay Mishra has been a councilor three times)

अजय मिश्रा बाबा पहली बार साल 1999 में वार्ड क्रमांक 17 से पार्षद बने थे। इसके बाद 2009 में वार्ड क्रमांक 19 और तीसरी वर्ष 2014 में वार्ड क्रमांक 17 से पार्षद चुने गए। अजय मिश्रा के दादा दो बार विधायक रह चुके हैं। 51 साल के अजय ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है। इसके बाद वे राजनीति में आ गए। वे नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष के पद पर भी रहे हैं।

मुखरता से उठाए जनता के मुद्दे (Vocally raised public issues)

नगर निगम में नेता विपक्ष की भूमिका में अजय मिश्रा बाबा ने जनता के मुद्दे प्रमुखता से उठाए हैं। यही कारण है कि जनता ने उन्हें तीन बार पार्षद चुनकर परिषद में पहुंचाया है। इसके साथ ही वे पहली बार महापौर भी चुन लिए गए हैं। रीवा शहर में अजय मिश्रा ने अपनी राजनीति अपने दम पर स्थापित की। इनके बाबा भाईलाल मिश्रा 1952 में कनपुरा और 1957 में देवसर सीट से विधायक रहे हैं। पिता स्व. बद्री प्रसाद कृषि विभाग के उपसंचालक रहे हैं।

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