REWA : रंग लाया पुलिस का मुस्कान अभियान : 281 गुमे बच्चों में से 216 किए बरामद : 65 नाबालिग अब भी लापता, सबसे ज्यादा लापता हुए बच्चों में रीवा भी शामिल
मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर विभिन्न जिलों में चलाए जा रहे ऑपरेशन मुस्कान के तहत रीवा पुलिस को अपेक्षित सफलता मिली है। यहां 1 जनवरी से लेकर 31 अगस्त 2021 तक 8 माह के भीतर कुल 281 बच्चे गुमे है। इनमे 216 बरामद हो चुके है। जबकि 65 नाबालिग अब भी लापता है।
हालांकि प्रदेश के पांच जिलों में सबसे ज्यादा नाबालिग बच्चे लापता हुए है। जिनमे रीवा जिला भी टॉप 5 जिलों में शामिल। बीते डेढ महीने से चल रहे ऑपरेशन मुस्कान अभियान के दौरान 66 बच्चे लापता हुए है। जबकि रीवा पुलिस ने अभियान के माध्याम से 84 बच्चों को बरामद भी किया है।
चमक-दमक के चक्कर में भाग रहे महानगरों की ओर
ऑपरेशन मुस्कान के तहत सर्चिंग के दौरान रीवा पुलिस ने पाया है कि जिले के अधिकांश लोग चमक-दमक के चक्कर में महानगरों की ओर भाग रहे है। भागने वाले बच्चे सबसे ज्यादा रोजगार और नौकरी आदि के लिए पलायन करते हैं। जिसमें सबसे ज्यादा नाबालिग पलायन कर मुम्बई, दमन द्वीप और नई दिल्ली जाते है। वहीं हैदराबाद, नागपुर, पुणे, सूरत, अमृतसर, कानपुर, नोएडा आदि महानगर भी फेवरेट लिस्ट में हैं।
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16 से 18 वर्ष के बच्चे सबसे ज्यादा भाग रहे बाहर
पुलिस ने बताया कि रीवा जिले के नाबालिग विशेष तौर पर 16 से 18 वर्ष के बालक-बालिकाएं सबसे ज्यादा भाग रहीं है। हालांकि कई बार नाबालिगों को बहला फुसलाकर भागा ले जाया जाता है। वही कई बच्चे रोजगार की तलाश में चले जाते है। जिससे कारण परिजन गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराते हैं। तब पुलिस धारा 363 भादंवि के तहत अपराध पंजीबद्ध करती हैं। सूत्रों की मानें तो विंध्य क्षेत्र के अन्य जिलों की अपेक्षा रीवा जिले में नाबालिग बालक-बालिकाओं के घर से जाने की घटनाएं सर्वाधिक हुई हैं।
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अब तक सफलता-असफलता
बता दें कि चालू वर्ष में 8 माह के भीतर 281 घटनाएं हुई है। जिनमे 216 बच्चे बरामद और 65 अभी भी लापता है। वहीं वर्ष 2021 के पूर्व भागे 127 बच्चे मिले है। जिससे अब तक कुल 343 बच्चों को बदामद किया जा चुका है। 31 अगस्त 2021 की स्थिति में 244 बच्चों के लापता होने का मामले लंबित है। इधर डेढ महीने में अभियान के दौरान 66 नए बच्चे लापता हुए है। जबकि अभियान के माध्यम से 84 बच्चों को बरामद कर लिया गया है।