REWA : शिक्षा विभाग मे मचा हड़कंप : सबको फंसा कर बच निकले थे पूर्व DEO आर.एन.पटेल, 3 पूर्व डीईओ सहित 17 पर हो सकती है FIR

 
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भोपाल,रीवा। हमेशा ही सुर्खियों में रहा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय एक बार फिर जबरदस्त सुर्खियां बटोरने लगा है। पूर्व के 4-48 करोड़ अनुदान घोटाले में तत्कालीन कैशियर अशोक शर्मा सहित तीन अन्य के विरुद्ध थाना सिविल लाइन रीवा में एफ आई आर दर्ज हो चुका था। हालांकि यह बहुत आश्चर्य की बात है कि किसी भी कर्मचारी की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। अशोक शर्मा को न्यायालय से स्थगन के बाद पुनः उसी कार्यालय में पदस्थ कर दिया गया है। जो आज भी अनवरत कार्यरत है।

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तो वहीं इस सारे घोटाले के कर्ताधर्ता पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी राम नरेश पटेल सबको फंसा कर पतली गली से निकल कर पीजीबीटी कालेज के प्राचार्य बन बैठे हैं। अनुदान के जितने भी घोटाले हुए हैं सब की राशि चेक के माध्यम से दी गई सभी चेक में जिला शिक्षा अधिकारी के रूप में आर्यन पटेल के ही हस्ताक्षर हैं, इसके बावजूद भी उन पर किसी तरह की कार्यवाही न किया जाना तरह-तरह के संकाओ एवं उनके राजनीतिक संरक्षण प्रदान को सिद्ध करता है। बताया गया है कि रामनरेश पटेल के संगे साले बृजेश पटेल पूर्व मंत्री कमलनाथ के ओएसडी रहे हैं जिनके चलते उन्हें पाक-साफ निकालकर पीजीबीटी कॉलेज का प्राचार्य बना दिया गया था।

पुनः शिकायत हुई तो ईडी से जांच प्रारंभ हुई लोक शिक्षण मध्यप्रदेश भोपाल के निर्देश पर पूर्व तीन डीईओ सहित 17 अन्य कर्मचारियों पर एफ आई आर दर्ज किए जाने के निर्देश जिला शिक्षा विभाग को दिए गए हैं। हालांकि विभाग ने कल एफआई आर दर्ज कराने का प्रयास किया लेकिन त्यौहार में टीआई की व्यस्तता के चलते दर्ज नहीं हो सका।

आधा दर्जन से ज्यादा आरोपी कर्मचारी हुए भूमिगत

विभाग में एफ आई आर दर्ज कराने के निर्देश की जानकारी जैसे हुई आरोपियों के हुई समाचार पत्रों में खबर को पढ़ते ही वह सभी भूमिगत हो चुके हैं। हालांकि इस बार पुलिस विभाग कड़क का समझा कसने की तैयारी में है।

अब यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि उक्त मामले में नए आरोपी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के साथ गिरफ्तारी और निलंबन होता है या पूर्व की भांति ही एफ आई आर दर्ज कर जांच में सांठगांठ कर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया जाता है।

इन पर हो सकता है मामला दर्ज

तत्कालीन डीईओ आर एन पटेल, वर्तमान डीईओ गंगा उपाध्याय, पूर्व से.नि. डीईओ अंजनी त्रिपाठी, तत्कालीन एडीपीसी रमसा और वर्तमान सीधी डीईओ पी एल मिश्रा, लेखापाल अशोक शर्मा, तिवनी में पदस्थ सहायक अध्यापक विजय तिवारी,ऑडिटर मुन्ना लाल वर्मा, लिपिक अखिलेश तिवारी, कमला पति त्रिपाठी के अलावा प्राचार्यो में हीरामणि  प्रजापति, आर डी वर्मा, सी पी साकेत, रामकृष्ण मिश्रा,उमा द्विवेदी, दिव्या द्विवेदी, संतोष तिवारी, राम निवास मिश्रा, जय कृष्ण उपाध्याय आदि के नाम देर सबेर एफ आई आर दर्ज हो सकती है।

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