REWA : इस मैसेज ने परिवार को किया ख़त्म; 'इसको मैं नग्न करके सोशल मीडिया पर अपलोड कर दूंगा’

 
cvvnn

भोपाल के रातीबड़ में भूपेंद्र विश्वकर्मा (38) ने गुरुवार को दोनों बच्चों ऋषिराज (9) और ऋतुराज (3) को जहर पिला दिया था। इसके बाद पत्नी रितु (35) के साथ फांसी लगा ली थी। गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात तीन बजे परिजन चारों के शव लेकर पैतृक गांव रीवा जिले के अंबा पहुंचे। शुक्रवार को गांव में ही भूपेंद्र और रितु का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया। वहीं, दोनों बच्चों को पास ही दफना दिया गया।

चारों की लाशें पहुंची तो गांव इकट्‌ठा हो गया

रीवा जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर अंबा गांव। अंदर संकरी गलियों के बीच 500 वर्गफीट का कच्चा-पक्का मकान है। यह घर भूपेंद्र विश्वकर्मा का है। यहां भूपेंद्र के पिता शिवनारायण (70) और मां उमा विश्वकर्मा रहती हैं। वे यहां खेती-किसानी करते हैं। हालांकि, भूपेंद्र की जन्मभूमि और कर्मभूमि भोपाल ही था। कभी-कभार ही गांव आना-जाना होता था। शुक्रवार सुबह से ही घर के बाहर गांववालों की भीड़ लगी थी। लाशें पहुंची तो और लोग जमा हो गए। हर आंख में एक ही सवाल था कि आखिर भूपेंद्र ने ऐसा क्यों किया? ऐसी क्या मजबूरी थी? उन्हें भी शायद पूरा माजरा पता नहीं था।

यह भी पढ़े : एक ही परिवार के 4 लोगों का अंबा गांव में अंतिम संस्कार,बच्चों को दफनाया, बगल में जली मां-बाप की चिता : नम हुई गांव वालों की आंखे

शुक्रवार सुबह एम्बुलेंस अंतिम संस्कार के लिए शव लेकर श्मशान घाट रवाना हुई। गांववाले और परिजन आक्रोशित हो गए। शव लेकर जबलपुर-प्रयागराज नेशनल हाईवे पर बैठ गए। यहां पुलिस के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा। शव सड़क पर रखकर चक्काजाम कर दिया। हाईवे के दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग गईं। उनका कहना था कि चारों की हत्या की गई है। आरोपी कंपनी संचालकों पर सख्त कार्रवाई की जाए। मामले की सीबीआई जांच की जाए। प्रशासन ने एसआईटी गठित की। काफी देर बाद पुलिस और प्रशासन के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ। दोनों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

भतीजी बोली- नए कपड़े पहनकर सेल्फी, दूसरे कपड़ों में मिले शव

भूपेंद्र की भतीजी रिंकी विश्वकर्मा का कहना है कि ‘मुझे जो सेल्फी चाचा ने भेजी थी, उसमें सभी नए कपड़े पहने दिख रहे हैं। ये वही कपड़े हैं, जो मामा की बेटी की शादी के लिए खरीदे थे। शादी 11 जून 2023 को रीवा के पास करहिया में थी। चाचा (भूपेंद्र) को भी परिवार समेत शादी में जाना था। सभी के लिए नए कपड़े भी लिए थे। ऐनवक्त पर भोपाल में ही चाचा का एक्सीडेंट हो गया। उनका पैर फ्रैक्चर हो गया। इस कारण पूरी तैयारी धरी रह गई। नए कपड़े भी नहीं पहन पाए।

यह भी पढ़े : अंबा गांव में 4 लोगों की सुसाइड से मातम,दो बच्चे समय पति-पत्नी की एक साथ उठी अर्थी, पिता बोले- बहू-बेटे और पोतों का मर्डर हुआ

सवाल ये है कि सुबह जब चारों के शव मिले, वह दूसरे कपड़े पहने थे। चाची की साड़ी बाथरूम में लटकी थी। बच्चों के कपड़े भी बदले हुए थे। साथ ही, जब हम घर पहुंचे, तब घर के बाहर का दरवाजा भी खुला था। सवाल ये है कि ताला किसने तोड़ा? अंदर के सभी कमरों के दरवाजे भी खुले थे। इससे आशंका है कि उनकी हत्या की गई है। इसकी जांच की जानी चाहिए।

पिता बोले- उसकी शिकायत सुनी गई होती तो परिवार बच जाता

भूपेंद्र के पिता शिवनारायण का कहना है कि बेटे-बहू और बच्चों की हत्या की गई है। आमतौर पर जहर खाने के बाद तबीयत खराब होती है। उल्टियां होती हैं। शरीर भी नीला पड़ जाता है। मुंह से झाग निकलता है, लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ नहीं था। फांसी लगाने के बाद भी जीभ निकल आती है, लेकिन भूपेंद्र और बहू की जीभ भी नहीं निकली। शनिवार को भूपेंद्र से बात हुई थी। बोला था- केस दर्ज कराने जा रहा हूं। 20 दिन पहले भी शिकायत की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब बेटे को न्याय मिलना चाहिए। भूपेंद्र के बड़े भाई नरेंद्र विश्वकर्मा का कहना है कि जिस कंपनी ने फ्रॉड किया है, उसका खुलासा किया जाए। भूपेंद्र को न्याय मिलना चाहिए। मेरी सरकार से मांग है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

यह भी पढ़े : दगाबाज ज्योति मौर्य के नक्शे कदम पर चल रहीं शादीशुदा महिलाएं, रीवा की प्रिया ने नर्स बनते ही पति को दिया धोखा

पड़ोसी दिनेश विश्वकर्मा ने कहा, 'चारों लोगों के मर्डर हुए हैं, हमें न्याय चाहिए। जिस कंपनी ने मारा है, उस पर केस होना चाहिए। शासन से आर्थिक मदद मिलनी चाहिए। भूपेंद्र के चाचा ने कई बार यहां से पैसे भेजे हैं। उसने बताया था कि मैं कर्ज से मुक्त हो चुका हूं। सभी का मर्डर किया गया है। सुसाइड नोट जबरदस्ती लिखवाया गया है।'

पिता ने वीआरएस लिया, ताकि एकमुश्त पैसा लेकर पढ़ाई में लगा सकें

भूपेन्द्र के पिता शिवनारायण विश्वकर्मा ने बताया कि 31 जुलाई 2005 की बात है। उस समय राज्य परिवहन के डिवीजन कार्यालय में पदस्थ था। बेटे को बीएससी व एमबीए कराना था। दो बेटा व तीन बेटियों की शादी से आर्थिक रूप से कमजोर हो गया। मैंने वीआरएस ले लिया। उसके बाद मिले पैसों से भूपेंद्र को एनआरआई कॉलेज से एमबीए कराया।

बूढ़ी मां अब भी चारों की मौत से अनजान है

भूपेंद्र की मां उषा विश्वकर्मा दिमागी रूप से कमजोर हैं। वे पूरी घटना से अनजान हैं। परिवारवालों ने उन्हें बेटा-बहू और पोतों की मौत के बारे में नहीं बताया। जब लोग घर पर आ-जा रहे थे, तो उन्होंने कारण पूछा। उनसे कह दिया कि ये लोग आपको देखने आ रहे हैं। प्रदर्शन करने वाली जगह पर और श्मशान घाट पर भी उन्हें नहीं ले गए थे। हां, घटना के बाद से वो गुमसुम जरूर हैं।

भोपाल में प्लॉट खरीदकर मकान बना दिया और शादी कर दी

शिवनारायण के पांच संतानें हैं। नरेन्द्र विश्वकर्मा सबसे बड़े और चाचा भूपेंद्र सबसे छोटे थे। माधुरी, सरिता और प्रीती तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है। शिवनारायण भोपाल के बैरागढ़ स्थित राज्य परिवहन विभाग के डिपो में इलेक्ट्रीशियन थे। उन्होंने मंत्रालय के सामने भीमनगर में झुग्गी बनाई, जिसमें नरेंद्र रहते हैं। भूपेंद्र के लिए पिता ने रातीबड़ क्षेत्र में प्लॉट खरीदा। वहां मकान भी बनवा दिया। 12 मई 2013 को रितु और भूपेंद्र की शादी हुई। एक साल बाद ऋषिराज का जन्म हुआ। 2020 के दूसरे बेटे ऋतुराज जन्मा।

पत्नी ने पड़ोसियों को बताया था, पति ऑनलाइन फ्रॉड में फंस गए हैं

भूपेंद्र के पड़ोसियों ने बताया कि रितु पिछले तीन दिनों से परेशान दिख रही थी। वह पड़ोस के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थी। एक बच्चे को ट्यूशन के बाद वह बच्चे को उसके घर छोड़ने गई थी। वह बता रही थी कि उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है। पति बहुत बड़े ऑनलाइन फ्रॉड में फंस चुके हैं। आगे की जिंदगी कैसे चलेगी, समझ नहीं आ रहा। इस पर पड़ोसी ने इसकी शिकायत साइबर क्राइम में करने का सुझाव दिया था।

Related Topics

Latest News