15-16 JUNE की रात हुई हिंसक झड़प में MP के रीवा जिले के शहीद सपूत को CM शिवराज ने ऐसे दी श्रद्धांजलि

 
15-16 JUNE की रात हुई हिंसक झड़प में MP के रीवा जिले के शहीद सपूत को CM शिवराज ने ऐसे दी श्रद्धांजलि

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा. लद्दाख के गालवन घाटी में चीन के साथ हुई हिंसक झड़प में जहां देश के 20 जवान शहीद हो गए। उनमें एक मध्य प्रदेश के रीवा का सपूत दीपक कुमार सिंह भी रहे। दीपक के शहीद होने की सूचना आने के बाद से जिले में मातम सा है। दीपक रीवा जिले के फरेहदा गांव के मूल निवासी थे। उनके भाई भी सेना में हैं।


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व सीएम कमलनाथ समेत राज्य के दिग्गज नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "तूने सींचा है अपने लहू से वतन की मिट्टी को। वीरों की इस मिट्टी पर हम अभिमान करते हैं। ऐ मेरे वतन के शेर तेरे जाने से चीत्कार रहा दिल। तेरे लहू के हर कतरे, तेरी शहादत को सलाम करते हैं। भारत-चीन की झड़प में शहीद हुए रीवा के वीर सपूत दीपक सिंह के चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि।


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान ने गालवान में चीन के साथ ही हुई हिंसक झड़प में शामिल सभी 20 शहीदों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ट्वीट में लिखा, "14 हजार फीट की ऊंचाई पर जमा देने वाली उस ठंड में भी मातृभूमि की रक्षा के लिए मर-मिटने वाले महावीरों पर देश को गर्व है। ऐ मां भारती के शूरवीरों, तुम्हारी शहादत को हम ना भूलेंगे। शहीदों को नमन, विनम्र श्रद्धांजलि।"

पारिवारिक सूत्रों के अनुसार दीपक सिंह की पिछले साल 30 नवंबर को शादी हुई थी। उनकी पत्नी रेखा सिंह मध्य प्रदेश के सिरमौर स्थित नवोदय विद्यालय में अध्यापिका हैं। दीपक ने साल 2013 में आर्मी जॉइन की थी। वह बिहार रेजिमेंट के जवान थे। फिलहाल उनकी पोस्टिंग गालवान वैली में थी। उनके पिता गजराज सिंह किसान हैं। दीपक के बड़े भाई प्रकाश भी सेना में हैं और इस समय राजस्थान के जैसलमेर में तैनात हैं। भारत-चीन झड़प में शहीद जवान दीपक सिंह के पिता ने कहा- बेटे ने गर्व से सिर ऊंचा कर दिया।

शहीद रीवा फरेहदा गांव निवासी दीपक कुमार सिंह पत्नी रेखा सिंह के साथ (फाइल फोटो)

दीपक की मां नहीं हैं बहुत साल पहले उनका निधन हो चुका है। मां के निधन के बाद दादी फूलकुमारी ही दीपक की मां बन गईँ। उन्होने ही उन्हें पाल-पोस कर बड़ा किया। फूलकुमारी रोते हुए कहती हैं, 'वो बहुत प्यारा था। सबको प्यार करता था और घर में सबकी इज्जत करता था। हर कोई उसे बहुत पसंद करता था। 85 वर्षीय फूलकुमारी ने कहा कि मैंने उससे कुछ दिन पहले बात की थी। उसने मुझसे कहा था कि लॉकडाउन खत्म होते ही छुट्टी लेकर घर आएगा लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद हमें उसके निधन की खबर मिली।

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