BHOPAL : मदद मांगने में बवाल, केंद्र-राज्य सरकार पर उठे सवाल : पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल के निशाने पर आखिर कौन था ? सियासत में सरगर्मी

 
BHOPAL : मदद मांगने में बवाल, केंद्र-राज्य सरकार पर उठे सवाल : पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल के निशाने पर आखिर कौन था ? सियासत में सरगर्मी

रीवा । सुनियोजित तरीके से विधायकों की खरीद-फरोख्त के सहारे मध्य प्रदेश में पंद्रह माह बाद पुनः भाजपा सरकार सत्ता के सिंहासन पर बैठ गई है। लेकिन भाजपा सरकार की सेहत के हिसाब से सबकुछ सामान्य नहीं चल रहा है। मध्य प्रदेश में सरकार बनाने के बाद भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पाए हैं। दो माह का समय सरकार ने गुजार लिया है।

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भाजपा सरकार के कैबिनेट विस्तार की माथापच्ची में लगी सरकार और संगठन को पार्टी हाईकमान ने फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार की कार्यवाही रोकने के लिए कहा है, इसलिए मंत्री बनने की दावेदारी करने वाले भाजपा नेताओं ने भी चैन की सांस ली है। 

इसी बीच खुद को विंध्य क्षेत्र का मुख्यमंत्री समझने वाले नेताजी की ट्विटर पर लिखी एक पोस्ट ने सियासत पर उबाल लाने के साथ ही भाजपा हाईकमान को भी हैरत में डाल दिया है। पूर्व मंत्री और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल की एक पोस्ट ने केंद्र और भाजपा की राज्य सरकार के उन दावों की पोल खोल दी है जहां कोरोनावायरस महामारी के कारण लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूरों को उनके प्रदेश में घर घर पहुंचाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार और मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने तमाम तरह के इंतजाम किए जाने का लगातार मीडिया में दावा किया है, उस दावे की पोल देश वासियों के सामने खुद भाजपा के भरोसेमंद सिपाही और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल ने अपने एक ट्विट के माध्यम से खोल दी है।

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इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने वाले रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल ने योजनाबद्ध तरीके से अपने ट्विटर अकाउंट से एक पोस्ट को शेयर किया है, इस पोस्ट में पंद्रह साल तक भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहने वाले रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल ने फिल्मी कलाकार सोनू सूद से कहा है कि रीवा और सतना जिले के बहुत मजदूर मुंबई में फंसे हुए हैं, उन्हें वापस भेजने में मदद करें।

रीवा विधायक की मदद वाली यह पोस्ट जैसे ही शेयर हुई तो चारों तरफ से लोगों ने चुटकी लेते हुए पूर्व मंत्री और भाजपा सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई। पूर्व मंत्री का यह पोस्ट फेसबुक, वाट्सअप और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया में शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स ने जमकर सरकार और विधायक को ट्रोल किया है। भारतीय राजनीति में सक्रिय रहने वाली पूर्व विधायक अलका लांबा, कांग्रेस नेत्री पूनम सिंह के साथ ही देश भर के लोगों ने अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि पिछले पंद्रह साल तक भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहकर अटूट संपति बनाने वाले पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल तब फिल्मी कलाकार सोनू सूद से मदद मांग रहे हैं जब केंद्र में मोदी सरकार और मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार है।

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सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि राजनीति को बखूबी समझने वाले रीवा विधायक ने सुनियोजित और योजना बनाने के बाद ही ट्विट किया है। प्रवासी मजदूरों को लेकर मोदी सरकार और शिवराज सरकार लगातार जो वादे कर रही है आज उसकी जमीनी हकीकत सीएम के करीबी पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल की पोस्ट से सबको पता चल गई है। रीवा विधायक की पोस्ट से मध्य प्रदेश की सियासत में अचानक उबाल आ गया है। राजनैतिक पंडितों ने बताया कि रीवा विधायक ने पहले टारगेट तय किया और उसके बाद खुलकर जोरदार हमला कम शब्दों में बोला है। 

प्रवासी मजदूरों के नाम पर राजनीति के जारी दांव-पेंच

मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार को संवेदनशील माना जाता था लेकिन इस बार जोर जुगाड से सत्ता के सिंहासन पर बैठने वाली भाजपा सरकार के लगता है सिद्धांत भी बदल गये हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो  कोरोनावायरस संक्रमण के बीच परदेश में फंसे रीवा और सतना जिले के प्रवासी मजदूरों की वापसी के मामले में भाजपा सरकार के दावे हवा हवाई है। जिस भाजपा ने केंद्र में दोबारा मोदी सरकार बनाई और मध्य प्रदेश में चौथी बार शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाया था, प्रवासी मजदूरों को लेकर मोदी और शिवराज सरकार के दावों की हकीकत पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल के ट्विट से सबके सामने आ गई है।

शिवराज की किरकिरी ? BJP विधायक ने मज़दूरों के लिए सोनू सूद से मदद मांगी, फिर जमकर बवाल हुआ

फिल्मी कलाकार सोनू सूद ने मानवता की मिशाल पेश करते हुए देश में हर किसी का दिल जीत लिया। रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल की पोस्ट वायरल होते ही भाजपा सरकार के सभी दावों की हवा निकल गई है। मीडिया यूजर्स ने पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा कि जब सत्ता धारी दल भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए सोनू सूद से मदद मांग रहे तो मतलब साफ है कि महामारी के इस दौर में भी भाजपा सरकार अपने किए गए वादों पर खरी नहीं उतरी। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दावे हुए बेनकाब

मध्य प्रदेश प्रवासी मजदूरों को लेकर शिवराज सिंह चौहान ने 24 मार्च 2020 से लागू लाक डाउन काल से ही देश के कोने-कोने में फंसे मध्य प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को सफलतापूर्वक घरों तक पहुंचाने का काम किया गया है। ऐसी दशा में सीएम के करीबी पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने ना केवल सोशल मीडिया के जरिए फिल्मी कलाकार सोनू सूद से खुलेआम मदद मांगी बल्कि रीवा और सतना जिले के मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों की लिस्ट को भी अपलोड कर दिया। पूर्व मंत्री की यह अपील बता रही है कि  मुंबई में मध्य प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए भाजपा की शिवराज सरकार ने कोई ठोस इंतजाम नहीं किए हैं।

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केवल मुंह जुवानी शेखचिल्ली बन रहे हैं। भाजपा के विकास पुरुष ने ट्विट के जरिए आखिर किस पर निशाना साधा है, इस पर भी चर्चा होने लगी है। रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल क्या वाकई मुंबई में फंसे रीवा और सतना जिले के प्रवासी मजदूरों को लाना चाहते हैं या फिर ट्विट के जरिए अपना राजनैतिक मकसद पूरा करना चाहते हैं। यदि पूर्व मंत्री को प्रवासी मजदूरों की इतनी चिंता होती तो वे भगवान की कृपा से खुद इतने सक्षम है और तत्काल उन्हें वापस बुला लेते। 

वे महाराष्ट्र सरकार को चिट्ठी लिखते या फिर फिल्मी कलाकार सोनू सूद से मोबाइल पर बात करते, यदि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के मामले में असफल हो रही है तो पूर्व मंत्री मामले की जानकारी पार्टी के हाईकमान को दे सकते थे, परंतु उन्होंने ऐसा कुछ करने के बजाय सियासत के माहौल को सरगर्म करने के लिए ट्विट के माध्यम से केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार और सीएम पर सुनियोजित हमला बोला है। इसे राजनैतिक पंडित बगावत का संकेत भी मान रहे हैं। 

भाजपा के सूत्रों ने बताया कि इस बार भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में रीवा विधायक को बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दिए जाने से वे काफी परेशान चल रहे हैं, लगातार प्रयास किए जाने के बाद भी विरोध की गर्मी शांत नहीं हो रही है। सरकार में प्राथमिकता से शामिल न किए जाने के कारण ही रीवा विधायक ने ट्विट के माध्यम से केंद्र और राज्य सरकार की व्यवस्था पर हमला बोला है।


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