MP CABINET : खुशखबरी :अब प्रदेश के किसानों को मकान का मिलेगा पट्टा

 
MP CABINET : खुशखबरी :अब प्रदेश के किसानों को मकान का मिलेगा पट्टा

भोपाल। गांवों में बरसों से आबादी भूमि पर मकान बनाकर रह रहे ग्रामीणों को अब सरकार उस आवासीय भूखंड का मालिकाना हक देगी। इसके लिए प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व विभाग ने सर्वे की शुरुआत कर दी है। केंद्रीय सरकार के सहयोग से ड्रोन के माध्यम से सर्वे कराया जा रहा है। मालिकाना हक मिलने के बाद ग्रामीणों को जमीन के दस्तावेज के आधार पर बैंकों से ऋण सहित अन्य सुविधाएं मिलना शुरू हो जाएंगी।


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूूरी दी गई। वहीं, कोरोना की रोकथाम के लिए ड्यूूटी करते हुए पॉजिटिव हुए पुलिस निरीक्षक यशवंत पाल और देवेंद्र कुमार चंद्रवंशी के परिजनों को उप निरीक्षक पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्णय भी लिया गया है।

कैबिनेेट के फैसलों की जानकारी देेते हुए गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पीढ़ियों से लोग आबादी भूमि पर मकान बनाकर रह रहे हैं लेकिन उनके पास कोई वैधानिक दस्तावेज नहीं हैं। न तो उन्हें पट्टा मिला है और न कोई प्रमाणपत्र। इसके अभाव में उन्हें न तो बैंकों से कर्ज मिल पाता है और न ही उस भूमि का कोई अन्य उपयोग हो पाता है।


इसे देखते हुए सरकार ने आबादी भूमि का सर्वे कराकर ग्रामीणों को काबिज जगह का मालिकाना हक देने का फैसला किया है। हरदा सहित एक अन्य जिले से सर्वे भी शुरू हो गया है। उद्यानिकी फसलों के लिए मौसम आधारित फसल बीमा योजना को तीन साल के लिए मंजूरी दी गई है। वहीं, मुख्यमंत्री कोरोना योद्धा कल्याण योजना के तहत प्रदेश में बीस शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों का निधन सेवा के दौरान होने पर 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता परिजनों को दी गई है।


ड्यूटी के दौरान कोरोना पॉजिटिव होने और फिर निधन होने की वजह से दिवंगत निरीक्षक यशवंत पाल की पुत्री फाल्गुनी पाल और दिवंगत निरीक्षक देवेंद्र कुमार चंद्रवंशी की पत्नी सुषमा चंद्रवंशी को विशेष प्रकरण मानकर उप निरीक्षक पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा बैठक में यह भी तय किया गया कि ग्रामीण पथ व्यवसायी उत्थान योजना के तहत बैंको से ऋण लेने के लिए लगना वाला स्टाम्प शुल्क भी पचास रुपये से ज्यादा नहीं लिया जाएगा। सरकार ब्याज अनुदान के लिए 25 करोड़ रुपये सालाना खर्च करेगी।

25 करोड़ रुपये से अधिक निवेेश वाली इकाई भी वृहद उद्योग

कैबिनेट ने कोरोना संकट को देखते हुए औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के एि उद्योग संवर्धन नीति में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। इसके तहत परिधान क्षेत्र में 25 करोड़ रूपये से अधिक पूंजी निवेश की इकाइयों को मेगा स्तर की इकाई माना जाएगा। प्रदेश में अभी तक सौ रूपये करोड़ से अधिक पूंजी निवेश करने वाली इकाइयों को ही मेगा स्तर की औद्योगिक इकाई का दर्जा दिया जाता है।


'इसके साथ ही खाद्य प्रसंस्करण, जैव प्रौद्योगिकी, हर्बल व लघु वनोपज और आईटी परियोजना, परिधान क्षेत्र की विनिर्माण इकाइयों में विस्तार करने पर निवेश प्रोत्साहन सहायता का लाभ देने के लिए न्यूनतम पूंजी निवेश की सीमा10 करोड़ रूपये से घटाकरर पांच करोड़ रुपये करने का निर्णय भी लिया गया है।


प्रवासी श्रमिकों के लिए आयोग

बैठक में प्रवासी श्रमिकों के कल्याण और रोजगार की संभावनाओं को लेकर काम करने के लिए प्रवासी श्रमिक आयोग के गठन के फैसले का अनुमोदन किया गया। आयोग में अध्यक्ष और दो सदस्य होंगे। अध्यक्ष को 13 हजार रुपये मानदेय और बीस हजार रुपये आवास भत्ता मिलेगा। इसी तरह सफाई कर्मचारियों की बीमा योजना के संशोधन को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इसके तहत अब किसी सफाई कर्मी की साधारण मृत्यु की सूरत में पचास हजार रुपये की जगह एक लाख और दुर्घटना में मृत्यु होने पर परिजनों कोे एक की जगह दो लाख रुपये का बीमा मिलेगा।

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