REWA : व्यापम की तर्ज पर हुए फर्जी नियुक्तियों को कुलपति ने लिया संज्ञान, गोरखधंधे से जुड़े संदिग्ध कर्मचारी हटाया

 
      REWA : व्यापम की तर्ज पर हुए फर्जी नियुक्तियों को कुलपति ने लिया संज्ञान, गोरखधंधे से जुड़े संदिग्ध कर्मचारी हटाया

रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में नियुक्तियों के नाम पर किए गए फर्जीवाड़े पर कुलपति ने संज्ञान लिया है। इस पूरे मामले में कुलसचिव से रिपोर्ट तलब की है। साथ ही उस संदिग्ध कर्मचारी को भी कुलपति कार्यालय से हटा दिया गया है जिसका नाम दलालों के साथ मिले होने में आ रहा था। विश्वविद्यालय के नाम पर किए गए इस गोरखधंधे से विश्वविद्यालय के अधिकांश लोग अब तक अंजान थे।


मीडिया में इस फर्जीवाड़े की खबर प्रकाशित होने के बाद प्रभारी कुलपति प्रो. एनपी पाठक ने अधिकारियों के साथ बैठक कर चर्चा की। साथ ही नोटसीट पर कुलसचिव से पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। सुबह विश्वविद्यालय खुलते ही इस पर चर्चा शुरू हो गई थी आखिर किसके संरक्षण में इतना बड़ा गोरखधंधा चलता रहा। कर्मचारी भी इस पूरे मामले का खुलासा चाह रहे हैं। कुलपति के पास कई वरिष्ठ प्रोफेसर भी पहुंचे थे जिन्होंने भी इस पर कार्रवाई की मांग उठाई है।


इस घटनाक्रम से विश्वविद्यालय का नाम धूमिल होगा, जिसके चलते जल्द खुलासा करने की मांग की गई है। कुलपति और कुलसचिव के बीच हुई बैठक में तय किया गया है कि जल्द ही पूरे मामले की विस्तृत जांच यह पता लगाया जाएगा कि इसमें विश्वविद्यालय से जुड़े अधिकारी, कर्मचारियों की भूमिका का भी परीक्षण किया जाएगा। साथ ही यदि बाहर के लोगों ने विश्वविद्यालय का गलत इस्तेमाल किया है तो उनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए पुलिस को पत्र लिखा जाएगा।


इंजीनियरिंग शाखा भेजा गया कर्मचारी
जिन अभ्यर्थियों के साथ धोखाधड़ी विश्वविद्यालय के नाम पर हुई है उनकी ओर से कुलपति के गार्ड विनोद तिवारी का भी नाम लिया गया है। उक्त कर्मचारी भी इंटरव्यू के दौरान मौजूद था। यह नाम आते ही कुलपति प्रो. पाठक ने तत्काल उक्त कर्मचारी को वहां से हटाते हुए इंजीनियरिंग शाखा में भेज दिया है। साथ ही आरोपों का परीक्षण कराए जाने का निर्देश दिया है।


गेस्ट हाउस में आने-जाने वालों का होगा परीक्षण
विश्वविद्यालय ने तय किया है कि गेस्ट हाउस में 17 जनवरी 2019 को अभ्यर्थियों ने इंटरव्यू कराए जाने का दावा किया है। उसका परीक्षण कराया जाएगा। उस दिन किसके नाम पर विश्वविद्यालय का वीआइपी गेस्ट हाउस आरक्षित किया गया था, साथ ही और कौन इसमें शामिल थे। बताया गया है कि अभ्यर्थी अजीत सिंह ने उक्त दिनांक को इस गेस्ट हाउस में कौन ठहरे थे इसकी जानकारी सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी थी लेकिन उस पर अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है।


मामला संज्ञान में आया है, इसकी जांच करने के लिए कुलसचिव को कहा है। साथ ही जिस कर्मचारी का नाम आ रहा था उसे भी कुलपति कार्यालय से हटा दिया है। 'पत्रिकाीं ने इस मामले को उजागर कर हम तक पहुंचाया, इसके लिए धन्यवाद है। पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध एफआइआर भी कराएंगे। विश्वविद्यालय के नाम पर दाग लगाने वालों को वख्शा नहीं जाएगा।


प्रो. एनपी पाठक, प्रभारी कुलपति एपीएसयू रीवा




Related Topics

Latest News