MP उपचुनाव : मंत्रियों के शानदार प्रदर्शन ने बचाई सिंधिया की साख

 
MP उपचुनाव : मंत्रियों के शानदार प्रदर्शन ने बचाई सिंधिया की साख

भोपाल । उपचुनाव का सबसे बड़ा कारण कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया थे। चुनाव में उनकी साख दांव पर थी। भोपाल के आसपास की छह सीटों पर चुनाव परिणामों के शुरुआती स्र्झानों में सिंधिया का दमखम साफ दिख रहा है। छह में से पांच पर चुनाव सिंधिया समर्थकों के कांग्रेस से भाजपा में जाने के कारण हुए हैं। जिनमें अशोकनगर, बमोरी, मुंगावली, सुरखी, सांची शामिल है। वहीं छठवीं सीट ब्यावरा है, जो कांग्रेस विधायक गोवर्धन सिंह दांगी के कोरोना से निधन के कारण खाली हुई थी। ब्यावरा छोड़कर पांचों सीटों पर सिंधिया के समर्थक बाजी मारते दिख रहे हैं। पांचों हजारों वोट से कांग्रेस प्रन्याशियों से आगे चल रहे हैं।

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पांच सीटों में से चार मंत्रियों की साख दांव पर लगी हुई थी। इसमें बमोरी से मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, सुरखी से गोविंद सिंह राजपूत, सांची से मंत्री डॉ. प्रभुराम चौध्ररी, मुंगावली मे मंत्री ब्रजेंद्र सिंह यादव भाजपा से मैदान में थे। इसमें से गोविंद सिंह राजपूत ने छह महीने का कार्यकाल पूरा होने के कारण पिछले दिनों इस्तीफा दे दिया था। जीत के बाद उनका मंत्री बनना तय है। कई विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच इन मंत्रियों के प्रति नाराजगी भी जीत को नहीं रोक सकी। सांची में तो भाजपा ने पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण नोटिस भी दे दिया था। 

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अन्य सीटों पर भी कई भाजपा कार्यकर्ता या तो उम्मीदवार के समर्थन में निकले ही नहीं या पार्टी के विरोध में जाकर काम किया। इन पांचों सीटों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ-साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ताकत झोंकी थी। इन उम्मीदवारों ने कांग्रेस सरकार में क्षेत्र की जनता के साथ उपेक्षा को अपना मुद्दा बनाया तो कांग्रेस भाजपा उम्मीदवारों को बिकाऊ बताने पर ही केंद्रित रही। अशोकनगर मे जजपाल सिंह जज्जी को लेकर कांग्रेस कोर्ट तक पहुंच गई, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। शुस्र्आती नतीजों से लग रहा है कि कांग्रेस के भाजपा उम्मीदवारों को बिकाऊ बताने वाले प्रचार को जनता ने पसंद नहीं किया।

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