MP : दस महीने से बंद पड़े कॉलेज खुले : लैब में एक्सपेरीमेंट करते नज़र आए छात्र

 
MP : दस महीने से बंद पड़े कॉलेज खुले : लैब में एक्सपेरीमेंट करते नज़र आए छात्र

इंदौर । दस महीने से बंद पड़े कॉलेज नए साल के पहले दिन दोबारा खुल गए हैं। शुक्रवार को प्रायोगिक कक्षाएं लगी। कोरोना की वजह से कक्षाओं में विद्यार्थियों ने मास्क पहन रखा था। होलकर साइंस कॉलेज और माता जीजाबाई पीजी कॉलेज की साइंस लैब में छात्र-छात्राएं एक्सपेरीमेंट करते नजर आए। जबकि कॉलेज में आर्ट्स और कॉमर्स विषय में विद्यार्थियों की बेहद कम उपस्थिति देखी गई। माता-पिता ने संक्रमण के डर से कक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं दी। कोरोना की वजह से 15 मार्च से बंद पड़े कॉलेजों में फिर एक बार रौनक लौट आई है। संक्रमण के बीच कॉलेज और विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियां शुरू हो गई है। गाइडलाइन के मुताबिक 1 जनवरी से प्रायोगिक कक्षाएं संचालित करने की अनुमति मिली है।


शुक्रवार को सरकारी और निजी कॉलेज में कक्षाएं लगी, लेकिन विद्यार्थियों की मौजूदगी काफी कम थी। दो दिन पहले से प्रबंधन ने विद्यार्थियों से अभिभावकों की लिखित अनुमति मांगी थी। अन्य जिलों से कोई विद्यार्थी कॉलेज नहीं पहुंचा। इंदौर के 10 फीसद छात्र-छात्राओं ने साइंस लैब में आकर प्रयोग किए। होलकर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुरेश सिलावट ने बताया कि बीएससी-एमएससी फाइनल ईयर के विद्यार्थियों की प्रायोगिक कक्षाएं शुरू हुई। प्रत्येक कक्षाओं में 30 से ज्यादा विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं दिया है। विद्यार्थियों को तीन बैच में बांटा गया है। सप्ताह में दो-दो दिन कक्षाएं लगाएंगे। उन्होंने कहा कि कक्षा खत्म होने के बाद लैब और उपकरणों को सैनिटाइज किया।


फिजिक्स-केमेस्ट्री में आए विद्यार्थी : देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुछ विभाग में विद्यार्थी पढ़ने के लिए आए। फिजिक्स-केमेस्ट्री और कंप्यूटर साइंस विभाग में विद्यार्थियों की चहल-पहल नजर आई। बाकी विभागों में विद्यार्थियों से संपर्क कर कक्षाओं में उपस्थित होने के लिए कहा। मगर कुछ विद्यार्थियों के अभिभावकों ने फिलहाल अनुमति नहीं दी है।

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