MP : कोरोना संक्रमण की रोकथाम से ज्यादा दमोह में इलेक्शन जरूरी; मास्क नहीं राजनितिक गमछा जरुरी : हजारों लोग रहें मौजूद

 

             MP : कोरोना संक्रमण की रोकथाम से ज्यादा दमोह में इलेक्शन जरूरी; मास्क नहीं राजनितिक गमछा जरुरी : हजारों लोग रहें मौजूद

दमोह जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण की रोकथाम से ज्यादा विधानसभा इलेक्शन जरूरी है। शनिवार को पूरा प्रदेश लॉक रहा, लेकिन उपचुनाव के चलते दमोह पूरी तरह ओपन रहा। सुबह से ही बाजार में लोगों की भीड़ उमड़ी। चुनावी रैलियां निकाली गईं। ऐसा लगा जैसे यहां कोरोना है ही नहीं। प्रत्याशी समर्थकों की भीड़ के साथ ग्रामीण इलाकों में वोट मांगने पहुंचे। इन गतिविधियों के बीच कोरोना गाइडलाइन का कतई ध्यान नहीं रखा गया।

बड़ी खबर : क्राइसिस मैनेजमेंट बैठक में बड़ा फैसला : इंदौर, जबलपुर, उज्जैन सहित 12 शहरों में बढ़ा LOCKDOWN

दमोह में यह स्थिति तब है, जब पिछले 9 दिनों में कोरोना से 7 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 9 दिनों में 235 कोरोना के नए संक्रमित सामने आए हैं। शुक्रवार को इस वर्ष के सबसे ज्यादा 33 कोरोना संक्रमित मिले हैं। बावजूद, इसके दमोह में कोरोना की रोकथाम के लिए न तो प्रशासन आगे आ रहा है और न ही जिम्मेदार जनप्रतिनिधि। दमोह के हालात यदि ऐसे ही रहे, तो 17 अप्रैल को मतदान के बाद स्थितियां बिगड़ सकती हैं।

कोरोना संक्रमण के डराने वाले आंकड़े के बीच प्रदेश में आया ऑक्सीजन का संकट ; व्यवस्था में जुटी सरकार

संक्रमण के बीच निकाली रैली

शनिवार को इस दौरान भारतीय शक्ति चेतना पार्टी की प्रत्याशी उमा सिंह लोधी के समर्थन में रैली निकाली गई। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन और भाजपा के उम्मीदवार राहुल सिंह समर्थकों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंपर्क के लिए पहुंचे। चुनावी गतिविधियों के बीच लोग न तो मास्क लगा रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। इससे संक्रमण का खतरा बना हुआ है।

अगले 24 घंटे में कई जगह गरज चमक के साथ तेज हवाएं और बारिश की संभावना : 9 जिलों में येलो अलर्ट

दमोह में इंफेक्शन नहीं, इलेक्शन है!:उपचुनाव की सभाओं के बीच 24 दिन में कोरोना केस डबल; मौतों में प्रदेश में 9वें नंबर पर जिला, CM बोले- घरों से निकल जाओ और भाजपा को जिताओ

बाहरी लोगों की नहीं हो रही जांच

चुनाव के चलते दमोह में बड़ी संख्या में बाहरी लोगों की आवाजाही हो रही है। शहर की लगभग सभी होटल व निजी मकान बाहरी लोगों से फुल हैं। इतना ही नहीं जिन जिलों में कोरोना का संक्रमण ज्यादा है वहां के लोग भी दमोह पहुंच रहे हैं। बावजूद इसके दमोह में बाहरी लोगों की कोरोना जांच नहीं हो रही है। हालात देखे तो कह सकते हैं कि प्रशासन ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम की जिम्मेदारी आम जनता पर ही सौंप दी है, क्योंकि दमोह में प्रशासन कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने को लेकर कोई कदम नहीं उठा रहा है।

सबसे ज्यादा शुक्रवार को 33 कोरोना मरीज मिले

चुनावी माहौल के बीच दमोह में कोरोना संक्रमण की स्थिति बिगड़ती जा रही है। इस वर्ष के सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित 33 मरीज शुक्रवार को सामने आए हैं। वह अब तक जिले में 3538 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। इतना ही नहीं लोगों की मानें तो चुनाव के कारण प्रशासन कोरोना संक्रमितों की संख्या छिपा रही है। यदि दमोह में कोरोना की जांच सक्रियता से हो तो संक्रमित की संख्या में और इजाफा होगा।

Related Topics

Latest News