रीवा में मर गई मानवता : कंटेनमेंट जोन में गिरी लड़की 12 घंटे तक तड़पती रही, नहीं पहुंची एम्बुलेंस, रात 9 बजे बेटी को ठेले पर रखकर पिता ने पहुंचाया अस्पताल

 

रीवा में मर गई मानवता : कंटेनमेंट जोन में गिरी लड़की 12 घंटे तक तड़पती रही, नहीं पहुंची एम्बुलेंस, रात 9 बजे बेटी को ठेले पर रखकर पिता ने पहुंचाया अस्पताल

रीवा के मऊगंज कस्बे में मानवता शर्मसार करने वाला मामला सामने आया। कंटेनमेंट जोन में छत से गिरने से घायल हुई लड़की 12 घंटे तक तड़पती रही। सभी ओर से रास्ता बंद होने के कारण पिता नहीं निकल पाए। उन्होंने नगर पंचायत से लेकर स्वास्थ्य विभाग से गुहार लगाई, लेकिन मदद नहीं मिली। आखिरकार, रात 9 बजे पिता कंटेनमेंट जोन तोड़कर बेटी को ठेले पर रखकर सिविल अस्पताल पहुंचे। किसी ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया।

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मऊगंज नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड 5 में गोलगप्पे वाले ने इस कदर संक्रमण बांटा कि दो दर्जन से ज्यादा लोग संक्रमित हो गए। 20 मई को प्रशासन ने 5 और 6 वार्ड को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए रास्ते बंद कर दिए। कलेक्टर इलैयाराजा टी ने एसडीएम को निर्देश दिए, इलाके में सभी की सैंपलिंग करवाकर नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए। पुलिस ने भी ऐसी सख्ती दिखाई कि मोहल्ले में हवा के अलावा पानी तक बंद कर दिया गया। विरोध के बाद एक दिन छोड़कर पानी तो मिला, पर जरूरी कार्य से निकलने पर मनाही थी।

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सुबह बेटी गिरी और रात में ले गए अस्पताल

इसी बीच शनिवार सुबह करीब नौ बजे यहां मौजूद एक घर में लड़की घर की छत से गिर गई। पिता ने अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस के लिए कॉल किया। आश्वासन भी दिया गया, लेकिन रात तक कुछ नहीं हुआ। वह दिनभर दर्द से कराहती रही। परिजन अस्पताल तक न ले जा पाए। रास्ते बंद होने के कारण मोहल्ले से न वह जा सकते थे और न इलाके में कोई आने के लिए तैयार था। इसके बाद रात में 9 बजे बेबस पिता नियम तोड़कर घर से बेटी को ठेले पर लेकर सिविल अस्पताल पहुंचा। यहां देर रात इलाज शुरू किया गया।

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सिस्टम को नहीं पड़ता फर्क

आरोप है, दर्द से कराह रही बेटी का पिता नगर पंचायत से लेकर मोहल्ले के जागरूक लोगों से भी मदद मांगी, पर कोई अस्पताल ले जाने के लिए तैयार नहीं था। सबका य​ही कहना था, सिस्टम की तारबंदी तोड़कर कौन केस लगवाएगा।

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