हुस्न का मायाजाल : राजनेता, उद्योगपति और छात्रों ने हुस्न के मोहजाल में फंसकर गंवा दिए लाखों रुपए; लॉकडाउन में ही ऐसे 36 केस

 

हुस्न का मायाजाल : राजनेता, उद्योगपति और छात्रों ने हुस्न के मोहजाल में फंसकर गंवा दिए लाखों रुपए; लॉकडाउन में ही ऐसे 36 केस

हैलो! मेरा नाम मोनिका है। मैंने आपको एक शादी समारोह में देखा था। आप बहुत ही स्मार्ट हैं। अनजान युवती की साेशल मीडिया आईडी से इन शब्दों को सुनकर शहर के एक राजनेता अपना आपा खो बैठे। दोस्ती से हुई शुरुआत धीरे-धीरे इश्क की बातों में तब्दील हुई। इसके बाद साेशल मीडिया आईडी से ही साेशल मीडिया वाले माेबाइल नंबरों का आदान-प्रदान शुरू हुआ और वीडियो कॉलिंग के मायाजाल में फंसकर राजनेता महोदय लोक-लाज भी भूल गए। दूसरी ओर से युवती (ऑनलाइन ठगों) ने उनकी अश्लील वीडियो रिकॉर्ड कर ली और शुरू हुआ ब्लैकमेलिंग का काम।

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तकरीबन 60 से 70 हजार रुपए से ठगने के बाद राजनेता को समझ आ गया कि वह इस संकट से इस तरह नहीं उबर सकते। अंतत: उन्होंने मुरैना स्थित सायबर सेल में शिकायत दर्ज कराई। हालांकि पुलिस ठगों तक तो नहीं पहुंच सकी लेकिन राजनेता अपनी रकम गंवाने के बाद बमुश्किल ठगों की ब्लैकमेलिंग से बच सके। हुस्न के जाल में फंसकर ब्लैकमेलिंग का शिकार होने वाले यह इकलौते राजनेता नहीं है बल्कि उद्योगपति, स्टूडेंट्स सहित कुल 72 लोग हैं, जो हुस्न के मोहजाल में फंसकर अपने लाखों रुपए गंवा चुके हैं।

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राजस्थान के 20 व हरियाणा के 8 गांवों से ब्लैकमेल कर रहे ऑनलाइन ठग

फेसबुक व साेशल मीडिया के माध्यम से युवतियों के माध्यम से वीडियो कॉल करके लोगों की अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने वाले ठगों की गैंग का संचालन राजस्थान (मेवात) के 20 व हरियाणा के 8 गांवों से संचालित हो रही है। राजस्थान में हिंगोटा, गैंगपुरी, कामा, टोड़ा, भरतपुर क्षेत्र के दूंदाबल सहित आसपास के 20 गांव ऐसे हैं, जहां पुलिस भी जाने से कतराती है।

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मुस्लिम बहुल वाले इन इलाकों को एक स्थानीय विधायक का भी संरक्षण है। पहले यह गैंग फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर मदद के बहाने लोगों से फोन-पे अकाउंट में रुपए ट्रांसफर कराते थे। इसके बाद उन्होंने ओएलएक्स पर फर्जी आईडी बनाकर नई कार सस्ते में दिलाने का प्रलोभन देकर जिले के 10 से 12 लोगों से तकरीबन 12 से 15 लाख रुपए ठगे। जब ठगी के यह तरीके लोगों को समझ में आए गए तब उन्होंने हुस्नजाल में लोगों को फंसकर ब्लैकमेलिंग के जरिए रुपए ऐंठना शुरू कर दिया।

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इन 2 उदाहरण से समझिए कैसे लोग हो रहे ब्लैकमेलिंग के शिकार

1. शहर के पॉश इलाके में रहने वाले एक उद्योगपति भी फरवरी महीने में हुस्न के जाल में फंसकर 50 हजार रुपए से अधिक राशि गंवा चुके हैं। 42 वर्षीय उद्योगपति फेसबुक चलाने में कम माहिर थे। एक युवती ने उन्हें रिक्वेस्ट भेजी और उन्होंने स्वीकार कर ली। युवती ने उनके साेशल मीडिया नंबर 98xxxxxx45 पर वीडियो कॉल शुरू की और युवती ने पहले अपने न्यूड फोटो भेजे। बाद में व्यापारी महोदय की आपत्तिजनक वीडियो स्क्रीन रिकॉर्डर के माध्यम से शूट कर लीं। उक्त व्यापारी से युवती ने तकरीबन 25 हजार रुपए ऐंठ लिए। तब कहीं जाकर इन्होंने सायबर सेल में शिकायत दर्ज कराई।

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2. शहर के पुरानी हाउसिंग बोर्ड में रहने वाले 32 वर्षीय स्टूडेंट्स को भी ऑनलाइन ठगों ने युवती के माध्यम से फंसा लिया। उक्त युवक से शादी करने की बात कहकर युवती ने प्रेम-मोहब्बत की बात शुरू की। बाद में वीडियो कॉल के माध्यम से उसकी आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उसे सोशल साइट्स पर डालकर ब्लैकमेल करने लगीं। युवक ने भी हजारों रुपए गंवाने के बाद बात अपने परिजन को बताई, तब मामला सायबर सेल तक पहुंची।

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6 महीने में 72 केस सायबर सेल में पहुंचे, लॉकडाउन में सर्वाधिक 36

फेसबुक व साेशल मीडिया वीडियो कॉल के माध्यम से लोगों के अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग के 72 केस छह महीने में सायबर सेल में पहुंचे हैं। इसमें से लॉकडाउन के दौरान ही 36 केस रजिस्टर्ड किए गए। गंभीर बात यह है कि इतने ही अधिक पीड़ित ठगी का शिकार होने के बाद अपनी फेसबुक आईडी को ब्लॉक कर मोबाइल नंबर बदलने के बाद ठगों की धमकियों से बच सके। यह लोग समाज में बदनामी के डर से शिकायत करने ही नहीं पहुंचे।

ब्लैकमेलर्स के कॉल आते ही तत्काल करें शिकायत

ऑनलाइन दोस्ती कर साेशल मीडिया पर वीडियो कॉलिंग के जरिए अगर ठग आपको ब्लैकमेल करें तो तत्काल अपनी शिकायत सायबर सेल में दर्ज कराएं। कोशिश करें कि अनजान व्यक्ति की आईडी से आई रिक्वेस्ट स्वीकार न करें चाहें फिर वह महिला ही क्यों न हो।

सचिन पटेल, एक्सपर्ट, सायबर सेल मुरैना

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