MP : 9 अगस्त से 12 अगस्त तक चलेगा विधानसभा का मानसून सत्र, 4 दिवसीय सत्र में होंगी कुल चार बैठकें

 

                MP : 9 अगस्त से 12 अगस्त तक चलेगा विधानसभा का मानसून सत्र, 4 दिवसीय सत्र में होंगी कुल चार बैठकें

भोपाल। । मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र नौ अगस्त से होगा। विधानसभा सचिवालय ने सोमवार को चार दिन चलने वाले सत्र की अधिसूचना जारी कर दी। इसमें वित्त विभाग द्वारा वर्ष 2021-22 का प्रथम अनुपूरक अनुमान बजट प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें कोरोना संकट के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं के मद्देनजर विभागों द्वारा किए गए खर्च के लिए अतिरिक्त राशि का प्रविधान किया जाएगा। साथ ही अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए नगर पालिका विधि संशोधन विधेयक भी प्रस्तुत किया जाएगा। महापौर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने को लेकर भी विधेयक प्रस्तुत हो सकता है। बैठक में कोरोना गाइड लाइन का पालन करना सभी सदस्यों के लिए अनिवार्य होगा।

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विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि नौ से बारह अगस्त तक चलने वाले सत्र में शासकीय कार्य संपादित किए जाएंगे। अशासकीय संकल्प इस बार नहीं आएंगे क्योंकि बैठक सोमवार से गुरुवार तक ही प्रस्तावित है। सामान्यत: अशासकीय कार्य शुक्रवार को संपादित किए जाते हैं। वित्त विभाग द्वारा मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया जाएगा।

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विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए ही विभागों को अतिरिक्त बजट उपलब्ध कराया जाएगा। नई योजना, वाहन खरीद सहित अन्य नए कार्यों के प्रस्ताव स्वीकार नहीं किए जाएंगे। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग को सर्वाधिक राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

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नगरीय निकाय चुनाव को मद्देनजर रखते हुए अवैध कॉलोनियों को वैध करने संबंधी नगर पालिका विधि संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा। पिछले दिनों कैबिनेट ने इस संबंध में अध्यादेश लाने की अनुमति नगरीय विकास एवं आवास विभाग को दी थी लेकिन सत्र की अधिसूचना जारी होने के कारण अब सीधे विधेयक ही प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं, महापौर और अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता से कराने के लिए नगर पालिका विधि संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जा सकता है। बजट सत्र में भी नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा विधेयक प्रस्तुत किया गया था लेकिन तय समय से पहले सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के कारण यह पारित नहीं हो पाया था।

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