REWA : जबरदस्ती मायके से ले गए ससुराल/ महिला को पति और ससुरालवालों ने बनाया बंधक, न्यायालय ने पीड़िता को 5 साल के बेटे के साथ दी मायके में रहने की इजाजत
(ग्राउंड एमपी 17 ऋतुराज द्विवेदी की रिपोर्ट ) रीवा न्यूज। जबलपुर हाईकोर्ट ने बीते दिनों ऑनलाइन सुनवाई करते हुए ससुराल में बंधक 28 वर्षीय महिला को मायके में रहने की इजाजत दे दी है। बताया गया कि हनुमना थानातंर्गत अमहा पंडितान कस्बा में एक महिला को पति और ससुरालवालों ने बंधक बनाया हुआ था। ऐसे में ससुराल पक्ष के खिलाफ आरोप लगाते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका लगाई गई थी। जहां दायर की गई याचिका का हाईकोर्ट ने पटाक्षेप कर दिया है। यहां जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ के समक्ष पूर्व आदेश के परिपालन में हनुमना पुलिस ने बंधक महिला को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से पेश कराया। फिर ऑनलाइन सुनवाई में जबलपुर हाईकोर्ट ने महिला के बयान लिए।
न्यायालय को दिए बयान में महिला ने कहा कि उसे व उसके 5 साल के बेटे को ससुराल वाले दो माह से बंधक बनाकर जबरदस्ती रखे हुए हैं। ऐसे में वह उनके साथ नहीं रहना चाहती। वह अपने मायका माता-पिता के घर जाना चाहती है। बयानों के बाद न्यायालय ने महिला को सुरक्षित उसके माता-पिता के घर पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। जबलपुर हाईकोर्ट का आदेश मिलते हनुमना पुलिस ने महिला और उसके पांच साल के बेटे को ससुराल से बरामद कर पिता गोमती प्रसाद द्विवेदी निवासी जुड़मनिया थाना लोर को सौंप दी है।
ये है मामला
मिली जानकारी के मुताबिक आशुतोष पटेल की ओर से जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जबकि शासन की ओर से प्रियंका मिश्रा शासकीय अभिभाषक ने पक्ष रखा था। एडवोकेट आशुतोष ने बताया कि अन्नपूर्णा शुक्ला पति महेश्वरनाथ शुक्ला उम्र 28 वर्ष निवासी अमहा पंडितान कस्बा हनुमाना थाना हनुमाना का पति व ससुराल वाले जबरदस्ती बंधक बनाकर रखे हुए थे। जहां ससुराल पक्ष उन्हें रोजाना प्रताड़ित करते थे। साथ ही महिला के साथ मारपीट करते थे। अगर वह विरोध स्वरूप अपने मायके वालों को कुछ बताती तो मोबाइल भी छीन लिया गया। जिससे मायके वालों से उसका संपर्क न हो। फिर न्यायालय के आदेश के परिपालन में हनुमना पुलिस ने महिला व उसके पति को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जबलपुर हाईकोर्ट के समक्ष पेश किया।
जबरदस्ती मायके से ले गए ससुराल
ऑनलाइन सुनवाई में महिला ने बताया कि उसका पति और ससुराल वाले आए दिन प्रताड़ित करते हैं। जिसके चलते वह अपने 5 साल के बेटे के साथ अलग रह रही थी। उसे दो माह पूर्व ससुराल वाले मायके से जबरदस्ती लेकर आ गए। फिर प्रताड़ित करते हुए बंधक बना लिया। विरोध किया तो उसका मोबाइल छीन लिया गया। जबकि पति ने अपने बयानों में कहा कि यदि उसकी पत्नि मायके में माता-पिता के साथ रहना चाहती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं। पर वह उसे कहीं और रहने की अनुमति नहीं देगा।
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायालय ने पाया कि 28 वर्षीय अन्नपूर्णा शुक्ला अपने पिता गोमती प्रसाद द्विवेदी निवासी जुड़मनिया थाना लोर के साथ रहना चाहती है। ऐसे में न्यायालय ने महिला को मायके में रहने की इजाजत दे दी। वहीं अनावेदकों को कहा कि यदि वह महिला के खिलाफ कोई झूठी शिकायत करता है तो उन पर त्वरित कार्रवाई की जायेगी। इसके साथ ही ससुराल से अलग रहने पर महिला को उचित कानूनी सहारा लेने की स्वतंत्रता प्रदान की है।
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