CBI भोपाल की कार्यवाही से मचा हड़कंप : RPF का सब इंस्पेक्टर झुग्गी झोपड़ी के निवासियों से 7 हजार रुपये की घूस लेते रंगे हाथों पकड़ाया

 

CBI भोपाल की कार्यवाही से मचा हड़कंप : RPF का सब इंस्पेक्टर झुग्गी झोपड़ी के निवासियों से 7 हजार रुपये की घूस लेते रंगे हाथों पकड़ाया

इटारसी (होशंगाबाद)। सीबीआई एंटी करप्शन ब्यूरो भोपाल की एक टीम ने सोमवार दोपहर आरपीएफ सिवनी बनापुरा स्टेशन के पोस्ट इंचार्ज धर्मपाल सिंह को सात हजार रुपये की घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। धर्मपाल सिंह ने रेलवे स्टेशन सीमा से लगी रेलवे की जमीन पर बनी झुग्गीझोपड़ी में रहने वाले कुछ लोगों से अतिक्रमण मामले में कार्रवाई न करने के एवज में सात हजार रुपये की मांग की थी। इस मामले में शिकायत की गई।

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प्रमाण जुटाने के बाद टीम ने सोमवार सुबह प्लानिंग के तहत शिकायतकर्ता को चौकी पर पैसे लेकर भेजा, पैसा हाथ में लेते ही टीम ने डीपी सिंह को दबोच लिया। कार्रवाई के लिए आए सीबीआई डीएसपी अतुल हजेला ने बताया कि सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का मामला पंजीबद्ध कर भोपाल पेश किया जाएगा।

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इस कार्रवाई की खबर लगते ही आरपीएफ महकमे में हड़कंप मच गया। टीम में सीबीआई डीएसपी अतुल हजेला, निरीक्षक सतीश वरवाल दीपक पुरोतहित आरके असाटी शिल्पा शर्मा, संदीप शर्मा, विजय मेहरा, सुभाष तोमर, सुनील गुप्ता शामिल थे।

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अफसरों के नाम पर देता था धौंस

सिंह सिवनी बनापुरा से पहले इटारसी पोस्ट में पदस्थ थे। यहां अवैध वेंडरों, रेलवे मालगोदाम के ट्रक ऑपरेटर्स समेत कई मामलों में वह अफसरों को देने के नाम पर जमकर अवैध वसूली करता था। पिछले दिनों ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों से भी सिंह का इसी बात को लेकर विवाद हो गया था। सूत्रों के अनुसार सीबीआई अब सिंह के आवास, संपत्ति, बैंक खातों की पड़ताल भी कर सकती है।

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सिंह पर हुई कार्रवाई को लेकर रेलवे स्टेशन पर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। कुछ खानपान ठेकेदार भी सिंह से परेशान थे, लेकिन वर्दी का रौब होने के कारण लोग उसकी प्रताड़ना झेल रहे थे। सिंह की मांग पूरी न करने पर वह ठेकेदारों को नियमों की आड़ में प्रताडि़त करता था, इस वजह से लोग उसके खिलाफ शिकायत नहीं करते थे। सूत्र बताते हैं कि कई ठेकेदारों के मोबाइल में उसकी कॉल रिकार्डिंग और पैसों के लेनदेन की बात भी है।

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कई सालों तक इटारसी में पदस्थ रहने के बाद जब विवाद बढ़े तो अफसरों ने डीपी सिंह को बनापुरा चौकी का प्रभारी बनाकर भेज दिया था।

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