CORONA EFFECT : वैक्सीन के टीका से अब पुरानी बीमारियों से भी मिल रहा निजात, खर्राटे बंद तो कोई अस्थमा से मुक्त

 

CORONA EFFECT : वैक्सीन के टीका से अब पुरानी बीमारियों से भी मिल रहा निजात, खर्राटे बंद तो कोई अस्थमा से मुक्त

नागदा. कोरोना से लडऩे में मदद करने वाला टीका अब पुरानी बीमारियों से भी निजात दिला रहा है। पहले लोगों में वैक्सीन के प्रति डर था, लेकिन जब वैक्सीन से पुरानी बीमारियां दूर होने लगी तो टीके प्रति लोगों में उत्साह बढऩे लगा। शहर सहित अंचल में कई ऐसे उदाहरण है, जिनमें टीके लगने के बाद पुरानी बीमारियां दूर हुई है। किसी के खर्राटे बंद हुए तो किसी को अस्थमा से निजात मिली। इतना ही नहीं अनिद्रा की समस्या से परेशान कुछ को तो नींद भी भरपूर मिलने लगी है।

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कोरोना की घातक बीमारी से लडऩे की शक्ति प्रदान करने वाली वैक्सीन से अनेक प्रकार की छोटी बड़ी बीमारियां दूर होने की जानकारी भी लोग दे रहे हैं। एक व्यक्ति ने बताया कि सालों से अस्थमा की बीमारी ने घेर रखा था, 13 मई को पहला डोज लगने के कुछ दिनों बाद उसे सांस लेने में जो तकलीफ होती थी, उसमें राहत मिलने लगी, उसके बाद मई जून में दूसरा टीका लगवाया तो अस्थमा जैसी बीमारी से काफी हद तक राहत मिल गई।

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टीका लगने के बाद पुरानी बीमारियों से निजात पाने वाले लोगों की जुबानी

केस 01: खाचरौद निवासी ऋतुराज बुड़ावन की खर्राटे की समस्या दूर हो गई है। ऋतुराज ने बताया कि गत मई में उन्हें दोनों डोज लग चुके है। वैक्सीन लगने से पहले उन्हें खर्राटे की समस्या थी। जिससे परिजन भी परेशान थे। खर्राटे की इस समस्या का डॉक्टर भी इलाज नहीं ढूंढ पाएं। मगर वैक्सीन लगने के बाद उनकी यह समस्या दूर हो गई है।

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केस 02: राजगढ़ ब्यावरा में रहने वाले शशि सेन की भी सालों पुरानी खर्राटे की परेशानी दूर हो गई है। सेन बताते है कि वैक्सीन लगने से पहले उन्हें खर्राटे की बड़ी परेशानी थी। इसका कोई इलाज भी नहीं था। 13 अप्रैल को पहला डोज तो खर्राट में कुछ हद तक राहत महसूस की गई थी, परंतु 28 दिन बाद दूसरा डोज लगने पर इस समस्या से पूरी तरह निजात मिल गई।

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एक्सपर्ट व्यू...अभी शोध नहीं, होना चाहिए, ऐसे लोग आ रहे

ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ कमल सोलंकी का कहना है कि इस संबंध में अभी कोई शोध नहीं हुआ है। इस कारण यह कह पाना मुश्किल है कि कोरोना के खिलाफ एंटीबाडी बनने से ओर भी फायदे हो सकते है। निश्चित रूप से यह शोध का विषय है। सरकार को चाहिए कि ऐसे लोगों को ब्रांड एंबेसेडर बनाएं। हालांकि ऐसे उदाहरण हमारे पास भी सामने आए है कि वैक्सीन से पुरानी बीमारी में राहत मिली हैं।

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