REWA : एक बार फिर सु​र्खियों में आये मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल : गद्दा बिछाकर धरना दिया तब जारी हुआ गेहूं खरीदी का भुगतान

 

REWA : एक बार फिर सु​र्खियों में आये मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल : गद्दा बिछाकर धरना दिया तब जारी हुआ गेहूं खरीदी का भुगतान

रीवा जिले के मऊगंज विधानसभा से भाजपा विधायक प्रदीप पटेल एक बार फिर सु​र्खियों में है। इस बार वह जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की मुख्य शाखा के प्रशासक कक्ष में गद्दा बिछाकर धरना दे दिया था। विधायक का आरोप है कि खरीफ सीजन में खाद-बीज खरीदी के लिए किसानों के पास पैसा नहीं है। जबकि गेहूं उपार्जन का पैसा किसानों के खाते में डंप है।

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फिर भी कॉपरेटिव बैंक का अमला भुगतान नहीं कर रहा है। जबकि खेती के सीजन में किसानों को पैसे की तत्काल आवश्यकता है। ऐसे वे क्षेत्र के किसान रोजाना बैंक के चक्कर काटते है। फिर भी खुद का जमा पैसा नहीं निकाल पा रहे है। जिससे समय पर खाद-बीज की खरीदारी न होने के कारण खेती पिछड़ रही है।

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हालांकि सोमवार की दोहपर 2 बजे से चले धरने के बाद शाम 6 बजे तक भुगतान के आदेश जारी हो गए है। सूत्रों का दावा है कि 4 घंटे में ही गहरी निद्रा में सोने वाले जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों की नींद खुल गई। क्योंकि इसके पहले भी मऊगंज विधायक बिजली विभाग अधिकारियों की नींद हराम कर दी थी।

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प्रशासक एवं सीईओ ने जारी किए भुगतान के आदेश

प्रदीप पटेल के धरने के बाद जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के प्रशासक एवं सीईओ ने गेहूं उपार्जन वर्ष 2021-22 में समर्थन मू​ल्य पर गेहूं खरीदी का भुगतान करने के आदेश दिए है। कहा है कि कृषकों को उनकी मांग अनुसार राशि का भुगतान किया जाए। जिससे किसानों को बार बार बैंक शाखा के चक्कर न काटना पड़े।

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धरने देने के लिए मशहूर है विधायक

बता दें कि मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल रीवा जिले में धरने वाले विधायक के नाम से जाने जाते है। वह अक्सर अपनी शिकायत लेकर जाते है। जब सुनवाई नहीं होती है। तब वह संबंधित विभाग में गद्दा बिछाकर धरती पर बैठ जाते है। इसके पहले अमहिया स्थित अधीक्षण यंत्री कार्यालय में मौन धरना से जिला प्रशासन की नींद उड़ गई थी। आनन फानन में विधायक की बात माननी पड़ी थी। तब विधायक को तीन दिन निराकरण का समय दिया गया था। लेकिन निराकरण नहीं होने पर वह फिर गद्दा, प्याज रोटी लेकर कार्यालय पहुंच गए। धरने के बाद विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मऊगंज एई को हटा दिया था। तब मामला शांत हुआ था।

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