Shyam Shah Medical College rewa : आल इंडिया कोटे में एडमिशन लेने वाले छात्रों को स्टेट कोटे में नहीं मिलेगा प्रवेश : पढ़िए

 

Shyam Shah Medical College rewa : आल इंडिया कोटे में एडमिशन लेने वाले छात्रों को स्टेट कोटे में नहीं मिलेगा प्रवेश : पढ़िए

रीवा। श्यामशाह मेडिकल कालेज में पीजी सीटों में प्रवेश के लिए काउंसिलिंग का दूसरा चरण शुरू होने वाला है। ऐसे में सरकार ने एक नई व्यवस्था बनाई है। जिसमें कहा गया है कि जो छात्र आल इंडिया कोटे से काउंसिलिंग में शामिल होकर किसी भी मेडिकल कालेज में प्रवेश ले लिया है। उन्हें अब स्टेट कोटे की होने वाली काउंसिलिंग में अवसर नहीं दिया जाएगा। सरकार ने यह निर्णय लेने के पीछे तर्क भी दिया है कि अधिकांश ऐसा होता है कि आल इंडिया कोटे से रजिस्ट्रेशन कराने के बाद छात्र किसी मेडिकल कालेज में प्रवेश ले लेता है। बाद में स्टेट कोटे के लिए भी वह आनलाइन काउंसिलिंग में सीट लॉक करा लेता है। इतना ही नहीं वह इस सीट पर प्रवेश लेने से ऐसे वक्त इंकार करता है जब प्रवेश प्रक्रिया आखिरी चरण में होती है। 

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जिसकी वजह से कई बार आखिर में सीटें छोडऩे के चलते पूरे साल सीटें खाली रह जाती हैं और दूसरे छात्र जो प्रवेश नहीं पाते हैं उनका नुकसान हो जाता है। इसलिए सरकार ने रीवा सहित प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों से कहा है कि कोरोना काल की वजह से पढ़ाई व्यवस्था प्रभावित हुई है। अब प्रवेश के तत्काल बाद पढ़ाई प्रारंभ कराई जाएगी। साथ ही प्रवेश को लेकर भी स्पष्ट किया गया है कि जिन छात्रों ने आल इंडिया कोटे में पहले ही सीटें लाक कर रखी हैं उन्हें स्टेट कोटे की काउंसिलिंग में अवसर नहीं दिया जाएगा।

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 इससे उन छात्रों के लिए परेशानी होगी जो आल इंडिया कोटे से प्रवेश तो पा चुके हैं लेकिन स्टेट कोटे से अपनी पसंद के कालेज में प्रवेश चाह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के मुताबिक देशभर में मेडिकल कालेजों में पीजी की सीटों में प्रवेश शुरू किया गया है। कोर्ट के निर्देशों का ही हवाला देकर प्रवेश में व्यवस्थाएं बदले जाने की बात कही जा रही है। इस बार प्रवेश प्रक्रिया देर से शुरू होने की वजह से जल्द ही कक्षाएं प्रारंभ करने की तैयारी है। इसके लिए कहा गया है कि जिन्हें प्रवेश मिल चुका है, वह एक मार्च से सात मार्च के बीच कालेज में उपस्थित दें।

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प्रथम चरण में प्रवेश नहीं पाने वाले शुल्क जमा कर दूसरे राउंड में होंगे शामिल

पीजी काउंसिलिंग में जिन छात्रों को प्रथम चरण में प्रवेश नहीं मिला है, वह अगले चरण में प्रवेश की प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे लेकिन उन्हें निर्धारित शुल्क जमा करना होगा। जिसमें सरकारी मेडिकल कालेजों के लिए 25 हजार रुपए अनारक्षित वर्ग के छात्रों को जमा कराना होगा। वहीं आरक्षित वर्ग के छात्रों को इसकी आधी राशि जमा करानी होगी, जिसमें 12 हजार 500 रुपए का शुल्क जमा कराना होगा। प्राइवेट कालेजों के लिए दो लाख रुपए जमा कराने का निर्देश है। एनआरआई कोटे के छात्रों को यही राशि दस लाख रुपए निर्धारित है।

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दूसरे चरण का सीट आवंटन रुका

आल इंडिया कोटे में दूसरे चरण की काउंसिलिंग जो २५ फरवरी तक निर्धारित थी, वह 27 फरवरी तक बढ़ा दी गई। इसलिए सीटों के आवंटन की सूची रोक दी गई है। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने आदेश जारी कर कहा है कि आगामी आदेश तक सीटों का आवंटन स्थगित किया जाता है। साथ ही कहा गया है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर संपर्क बनाए रखें, उसमें सभी अपडेट्स दिए जाएंगे।

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यूजी में भी लागू होगी व्यवस्था

आल इंडिया कोटे में प्रवेश लेने वाले छात्रों को स्टेट कोटे में प्रवेश का मौका यूजी में भी नहीं मिलेगा। इसके लिए भी अलग से आदेश जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के 16 दिसंबर 2021 को जारी आदेश के तहत आल इंडिया यूजी काउंसिलिंग के प्रथम एवं द्वितीय चरण से प्रवेशित अभ्यर्थी मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय संयुक्त नीट यूजी काउंसिलिंग 2021 के द्वितीय एवं आगामी चरणों के लिए पात्र नहीं होंगे।

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दूसरे राउंड के लिए पीजी की खाली सीटें

मेडिकल कालेज में खाली सीटों को लेकर जारी की गई लिस्ट के मुताबिक एनेस्थीसियोलॉजी में एक, एनाटॉमी में एक, कम्युनिटी मेडिसिन एक, फोरेंसिक मेडिसिन एक, जनरल मेडिसिन दो, जनरल सर्जरी तीन, गायनेकोलॉजी दो, आप्थर्मोलॉजी तीन, आर्थोपेडिक्स एक, इएनटी एक, पीडियाट्रिक तीन, पैथालॉजी एक, फिजियोलॉजी एक, बायोकेमेस्ट्री दो, साइकेट्री में एक सीट खाली है।

इस साल ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि आल इंडिया कोटे से प्रवेश पाने वाले छात्र स्टेट कोटे की काउंसिलिंग में शामिल नहीं हो पाएंगे। जिन्हें प्रवेश मिल गया है उन्हें एक से सात मार्च तक कालेज में उपस्थित होना है।

डॉ. मनोज इंदुरकर, डीन श्यामशाह मेडिकल कालेज रीवा

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