REWA : नई शिक्षा नीति : अब विश्वविद्यालय और कालेजों में सत्र 2022-23 से छात्र पढ़ सकेंगे साइबर सिक्योरिटी का कोर्स
रीवा। तेजी से बढ़ते डिजिटलाइजेशन के साथ ही साइबर अपराध की गति भी उसी तरह बढ़ रही है। रीवा जैसे शहर में सैकड़ों लोग हर साल इसके शिकार होते हैं। जिले का आंकड़ा हजारों में है। साइबर अपराध पूरे देश में तेजी से बढ़ रहा है। जिसके चलते अब इसके बारे में नई शिक्षा नीति के तहत अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय और कालेजों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में स्नातक और स्नातकोत्तर प्रोग्राम के छात्र साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई भी करेंगे।
स्नातक प्रोग्राम में साइबर सिक्योरिटी का बेसिक और मिड लेवल का कोर्स पढ़ाया जाएगा, जिसमें चार क्रेडिट होंगे जबकि स्नाकोत्तर प्रोग्राम में मिड और एडवांस लेवल की पढ़ाई करनी होगी, जिसके चार क्रेडिट होंगे। इसका मकसद, डिजिटल शिक्षा के दौर में छात्रों को साइबर ठगी के प्रति सावधान करना और तकनीकी ज्ञान देना है। इसके अलावा साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ तैयार करना है। इसमें साइबर सुरक्षा के लीगल, सामाजिक, आर्थिक पहलू से भी अवगत करवाया जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने दिशा निर्देश विश्वविद्यालय को भेजा है। इसके अलावा उच्च शिक्षण संस्थानों में डिजिटल हाइजिन पर आधारित सामान्य दिशा-निर्देश दर्शाती पुस्तिका भी तैयार की गई है।
कोर्स को समय की जरूरत बताया
यूजीसी द्वारा जारी की गई गाइडलाइन में कहा गया है कि सूचना प्रौद्योगिकी में आई क्रांति और सुरक्षा से जुड़े मामलों की बढ़ती मांग को देखते हुए साइबर सुरक्षा की सख्त महसूस की जा रही है। सूचना प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रही बढ़ोतरी ने बेहद जटिल सवाल खड़े किए हैं। इनका माकूल समाधान आज की जरूरत है। उच्चस्तरीय विषय महसूस की जा रही है। सूचना विशेषज्ञों द्वारा तैयार पाठ्यक्रम मौजूदा वक्त में साइबर सुरक्षा से जुड़े इन्हीं मसलों पर आधारित है। इसको तैयार करने में तकनीक, उसकी प्रक्रिया और आम लोगों को केंद्र में रखा गया है।
ऐसा होगा पाठ्यक्रम
नई शिक्षा नीति के तहत यूजी प्रोग्राम में लेक्चर, ट्यूटोरियल, प्रैक्टिकल प्रैक्टिस के आधार पर चार क्रेडिट मिलेंगे। इसमें साइबर सुरक्षा की सामान्य जानकारी, साइबर क्राइम और लॉ, सोशल मीडिया और सुरक्षा, इ-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट, साइबर सुरक्षा में डिजिटल उपकरण और तकनीक आदि के बारे में पढ़ाया जाएगा। वहीं, स्नातकोत्तर प्रोग्राम में साइबर सिक्योरिटी मैनेजमेंट, डाटा प्राइवेसी और डाटा सिक्योरिटी, साइबर लॉ व क्राइम आदि के बारे में पढ़ाया जाएगा।
साइबर अपराध से जुड़े विषयों की मिलेगी जानकारी
नए कोर्स साइबर सिक्योरिटी के जोड़े जाने से छात्रों को सामान्य तौर पर आ रही घटनाओं से जुड़े कारणों और पहलुओं के बारे में बताया जाएगा। साइबर स्पेस, वेब टेक्नोलॉजी, इंटरनेट सोसाइटी, साइबर क्राइम महिलाओं और बच्चों को किस प्रकार से साइबर क्राइम से खतरा, किस प्रकार के क्राइम होते हैं, भारत में साइबर सुरक्षा पर आधारित मामले, हैशटैग, सोशल मीडिया में प्राइवेसी, इंटरनेट बैंकिंग, डिजिटल भुगतान, मोबाइल से भुगतान, आधार, डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान सुरक्षा, बैकअप, उपकरण संबंधी सुरक्षा, वाई-फाई सिक्योरिटी एंटी वायरस, साइबर अटैक, साइबर टेरिज्जम, साइबर मोबाइल फोन सिक्योरिटी डाटा वॉर ऑनलाइन जॉब फाड, ट्रैफकिंग, ह्यूमन ट्रैफकिंग, जॉब स्कैम, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, साइबर पुलिस स्टेशन, एआई या एमआई. ब्लॉकचैन, साइबर क्राइम और सजा, साइबर सिक्योरिटी ऑडिट आदि शामिल हैं।