SATNA : पूर्व विधानसभा प्रत्याशी की गुंडागर्दी का वीडियो वायरल : फ़िल्मी तर्ज पर थूक चाटाने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने हीरो से बनाया जीरो
सतना के नागौद में युवक के साथ सरेराह बेरहमी से मारपीट का वीडियो सामने आया है। नागौद से विधानसभा का चुनाव लड़ चुका शशांक सिंह अपने एक साथी के साथ युवक की डंडे से पिटाई करता दिख रहा है। युवक को लात और घूंसों से भी पीटा जा रहा है। पूर्व प्रत्याशी थूक कर युवक को चाटने पर मजबूर करता है। वह धमकी देता है कि घर में घुस कर गोली मार देगा।
पूरे मामले में सतना पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पीड़ित युवक जब पुलिस थाने में मामला दर्ज कराने पहुंचा तो पुलिस ने घटना में एनसीआर (नॉन कॉग्निजेबल ऑफेंस) काट दी। पुलिस ने घटना को संज्ञेय अपराध ही नहीं माना। वीडियो सामने आने के बाद पीड़ित ने अब एसपी से शिकायत की है। इसके बाद मामले के मुख्य आरोपी सपाक्स पार्टी के नेता शशांक सिंह बघेल और उसके साथी विनय सिंह को सीधी जिले से पुलिस ने मंगलवार देर रात हिरासत में ले लिया।
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वीडियो तीन दिन पुराना बताया जा रहा है। नागौद के बंटी चौराहे में विधानसभा का चुनाव लड़ चुके शशांक सिंह ने अपने साथी सुजीत सिंह के साथ मिलकर संतोष पांडेय नाम के युवक के साथ मारपीट कर दी। दोनों ने युवक को पहले लाठी डंडों से पीटा। उसके बाद उसे थूक कर चाटने को कहा। डरा सहमा संतोष जान के डर से सब कुछ करता रहा। उसके बाद वह उसे गाड़ी में भरकर अन्य जगह लेकर गए। जहां फिर से उसके साथ मारपीट की गई। मारपीट की वजह कर्ज बताई जा रही है। संतोष ने शशांक से कुछ रुपए उधार लिए थे, लेकिन लौटाए नहीं।
पीड़ित ने अपने अपहरण और गंभीर मारपीट जैसे मामले की शिकायत नागौद थाने में की। पुलिस ने कागजी खानापूर्ति करते हुए एनसीआर काटकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। पीड़ित युवक स्वस्थ होकर मामले की शिकायत करने सतना पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा। उसने एडिशनल एसपी को आवेदन दिया है।
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने पीड़ित युवक का मेडिकल करवा आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के दिए निर्देश नागौद थाने पुलिस को दिया है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी है उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एसपी की फटकार पर पुलिस सक्रिय, 12 घंटे में आरोपी पकड़े
एसपी की फटकार के बाद नागौद पुलिस की नींद टूटी। 12 घंटे के अंदर सीधी से दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया।
एनसीआर क्या होता है?
अपराध को दो श्रेणी में विभाजित किया गया है संज्ञेय (कॉग्निजेबल) और असंज्ञेय (नॉन कॉग्निजेबल ऑफेंस), जिसे एनसीआर
जो संगीन अपराध है वह संज्ञेय अपराध होता है, जबकि असंज्ञेय अपराध वैसा अपराध होता है, जो मामूली अपराध होता है।
असंज्ञेय अपराध में सीधे तौर पर एफआईआर दर्ज किए जाने का प्रावधान नहीं है। ऐसे मामले में पुलिस को शिकायत दिए जाने के बाद पुलिस डीडी एंट्री करती है और इस बारे में कोर्ट को अवगत करा दिया जाता है।