REWA : 4 वर्ष पूर्व तिघरा हत्याकांड पर फैसला : दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा, 4 साक्ष्य के आभाव में दोषमुक्त : पढ़िए

 
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REWA NEWS : रीवा जिले के सेमरिया थाना अंतर्गत तिघरा हत्याकांड में शामिल दो आरोपियों को आजीवन कारावास व 10-10 हजार के अर्थदण्ड से दंडित किया है। जबकि 4 लोगों को साक्ष्य के आभाव में दोषमुक्त कर दिया है। बता दें कि 4 वर्ष 6 माह पहले भगवानदीन द्विवेदी पुत्र इन्द्रजीत द्विवेदी की चुनावी रंजिश को लेकर पीट पीटकर हत्या की गई थी। बीते दिन अष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने फैसला सुनाया है।

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जिला अभियोजन अधिकारी ने बताया कि 31 मर्च 2018 को फरियादी त्रिभुवन द्विवेदी पुत्र रामखेलावन ने सेमरिया थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई। कहा कि उसके चाचा भगवानदीन द्विवेदी पुत्र इन्द्रजीत द्विवेदी की गांव के ही सुदीप तिवारी, वीरेन्द्र शुक्ला से चुनावी रंजिश चल रही थी। ऐसे में दोनों ने मिलकर हत्या कर दी है। 30 मई 2018 की रात करीब 10 बजे मृतक चाचा भगवानदीन का फोन आया था।

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क्योंकि वह मनोज शुक्ला की गाड़ी लेकर कहीं बाहर चले गए थे। फिर काफी देर तक वापस नहीं आए। उन्होंने मरने से पहले मनोज शुक्ला के मोबाइल में फोन लगाकर पूरा घटनाक्रम बताया। कहा कि सुदीप तिवारी, वीरेन्द्र शुक्ला निवासी तिघरा सहित 6 अन्य लोगों ने फावड़ा का बेंत, बेसबॉल के डंडे से मारपीट किए। मैं घायल अवस्था में पड़ा हूं, मर जाउंगा। सभी आरोपीगणों ने चुनावी रंजिश को लेकर मारे है।

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कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई। ऐसे में सेमरिया पुलिस ने आईपीसी की धारा 302, 34 का अपराध पंजीबद्ध किया। मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन थाना प्रभारी सेमरिया निरीक्षक सुनील कुमार गुप्ता ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर साक्ष्य का संकलन किया। अनुसंधान के दौरान धारा 341, 120बी, 201 बढ़ाई गई। इस मामले में डेढ़ माह के अंदर अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र तैयार किया।

18 जुलाई 2022 को पेश किया चालान
सेमरिया पुलिस ने चालान क्रमांक 141/18, 18 जुलाई 2018 को तैयार कर प्रकरण क्रमांक 312/18, 24 जुलाई 2018 को न्यायालय में पेश किया। मामला गंभीर व जघन्य होने से चिन्हित श्रेणी में लिया गया। इस प्रकरण में न्यायालय के सत्र प्रकरण क्रमांक 133/2018 पर विचारण के दौरान अभियोजन अधिकारी से समन्वय स्थापित कर सतत मानीटरिंग की। साथ ही सभी साक्षियों के बयान कराए है।

दो आरोपियों पर दोषसद्ध
अष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश ने ट्रायल के दौरान दो आरोपियों को दोषी पाया है। 23 दिसंबर को अभियुक्त सुदीप तिवारी पुत्र रामनारायण एवं वीरेन्द्र शुक्ला पुत्र पूरनचन्द्र दोनों निवासी तिघरा थाना सेमरिया को अजीवन कारावास सहित 10-10 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया। वहीं अन्य सह अभियुक्त रवि शुक्ला, सत्यम सिंह की ओर से पैरवी करते (अधिवक्ता पार्थ सिंह), अंकित शुक्ला और दीपा तिवारी के विरूद्ध साक्ष्य न होने से दोषमुक्त किया है।

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