MP के रीवा से सीख : प्रयागराज के पास बनेगी White Tiger Safari, UP के अफसर मुकुंदपुर सफारी और चिड़ियाघर का करेंगे अध्ययन

 
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रीवा। सफेद बाघों के संरक्षण और आकर्षण बढ़ाने के लिए पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश में प्रयागराज के पास व्हाईट टाइगर सफारी बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए प्रयागराज प्रशासन ने मेजा रोड में 45 हेक्टेयर स्थान चिह्नित कर रखा है। प्रशासन प्रोजेक्ट की रूपरेखा पर काम कर रहा है। कुछ समय पहले वहां के एक्सपर्ट मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी और चिड़ियाघर का भ्रमण भी कर चुके हैं।

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प्रस्ताव शासन और सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास जाएगा। इसके बाद मुकुंदपुर में सफेद बाघों के रखरखाव को देखने टीमें आएंगी। प्रयागराज के अफसरों ने रीवा और सतना के वन विभाग के अधिकारियों से पहले संपर्क भी किया था। उत्तर प्रदेश सरकार एक साल से व्हाइट टाइगर सफारी बनाने की तैयारी में है। इटावा, मिर्जापुर और अन्य जिलों में भी सफेद बाघों के लिए संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। प्रयागराज इसलिए प्राथमिकता में है, क्योंकि यह रीवा से लगा है। विंध्य सफेद बाघों का रहवास रहा है। मप्र सरकार ने रीवा के पास सतना जिले के मुकुंदपुर में व्हाइट टाइगर सफारी बनवाई है। यह दुनिया की पहली व इकलौती व्हाईट टाइगर सफारी है।

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सफेद बाघों के नाम पर विंध्य की पहचान

विंध्य की पहचान सफेद बाघों के नाम पर भी होती है। 27 मई 1951 को पहली बार रीवा के महाराजा मार्तंड सिंह ने सीधी के कुसमी जंगल में जिंदा सफेद शावक पकड़वाया था। उसे रीवा के गोविंदगढ़ किले में रखकर पालन पोषण किया। इससे वंश वृद्धि भी कराई। मार्तंड सिंह ने दुनिया के कई राष्ट्राध्यक्षों को सफेद बाघ गिफ्ट दिए थे। बताते हैं, दुनिया भर में सफेद बाघ जहां भी हैं, वह रीवा से गए बाघों के ही वंशज हैं। सफेद बाघों के संरक्षण के लिए ही मुकुंदपुर में व्हाइट टाइगर सफारी बनाई गई।

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राजेश राय, मुख्य वन संरक्षक, रीवा का कहना है कि व्हाइट टाइगर वाइल्ड लाइफ और टूरिज्म के नजरिए से महत्वपूर्ण हैं। मुकुंदपुर में पहली व्हाईट टाइगर सफारी है। प्रयागराज में सफारी के प्रयास शुरू हुए हैं। लेकिन आधिकारिक तौर पर कोई संपर्क नहीं हुआ है।

कुंभ में सफेद बाघों की ब्रांडिंग

प्रयागराज में सफेद बाघों की ब्रांडिंग बरसों से की जा रही है। यहां पर संगम में लगने वाले कुंभ हों या फिर अन्य अवसर, उनमें सफेद बाघों के होर्डिंग प्रदर्शित किए जाते हैं। शहर में भी कई स्थानों पर सफेद बाघों की होर्डिंग लगाई है।

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