REWA : विंध्य के सबसे बड़े अस्पताल संजय गाँधी की अव्यवस्था और डॉक्टरों के खराब व्यवहार की हर माह 50 शिकायतें
नीरज तिवारी,रीवा । डॉक्टरों के व्यवहार को लेकर स्वास्थ्य का क्षेत्र सदैव ही चर्चा में रहा है और उनके व्यवहार की शिकायतें सरकार के पास भी लगातार पहुंचती रही हैं। रीवा श्यामशाह मेडिकल कालेज के संजय गांधी अस्पताल और गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों और उनके स्वजनों के द्वारा लगातार मुख्यमंत्री आनलाइन शिकायत में इस बात को लेकर शिकायत करके नाराजगी जाहिर की जाती रही है कि अस्पताल के डॉक्टरों का व्यवहार अच्छा नहीं है। शिकायतों में जूनियर डॉक्टरों के साथ ही सीनियर डॉक्टरों के व्यवहार को लेकर भी शिकायतें की गई हैं। पहुंचने वाली शिकायतों से यह बात स्पष्ट है कि डॉक्टरों के व्यवहार को लेकर आम जन मानस और मरीजों में काफी नाराजगी है। यही वजह है कि उनके बर्ताव से परेशान होने के बाद पीड़ित पक्ष एक 181 नंबर का उपयोग कर रहा है।
दिलचस्प पहलू यह है कि शिकायतों का निराकरण भी जल्दी नहीं हो पाता है। कारण यह कि आक्रोशित शिकायतकर्ता निराकरण के लिए तैयार नहीं होता हैं और यह शिकायत एल-4 तक पहुंच जाती है। इसके लिए डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन बराबर संपर्क करके शिकायत को निराकृत करने का प्रयास करता है। शिकायतों में सबसे ज्यादा गायनी और मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों की सामने आ रही हैं। दोनों ही विभागों में पहुंचने वाले मरीज डॉक्टरों के बर्ताव से दुखी हैं। यही वजह है कि वे सीएम हेल्प लाइन में शिकायत कर रहे हैं।
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इस तरह की होती हैं शिकायतें
मरीजों द्वारा अस्पताल और डॉक्टरों के संबंध में की जाने वाली शिकायतों में डॉक्टरों का व्यवहार ठीक न होना, मरीज की देखभाल और उसका स्वास्थ्य परीक्षण सीनियर डॉक्टरों द्वारा नहीं किया जाना, पार्किंग स्थल पर मनमाना पैसे की वसूली करना, शासन द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं के तहत बीमारी सहायता की राशि पर्याप्त नहीं दिया जाना, परिवार नियोजन, मृत्यु प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, जांच केन्दों में तरह-तरह की समस्या सहित अन्य तरह के दस्तावेज नहीं दिए जाने की शिकायतें सबसे ज्यादा पहुंचती हैं।
आधा सैकड़ा पहुंचती हैं शिकायतें
अस्पताल में सीएम हेल्प लाइन में की जाने वाली शिकायतों पर नजर दौड़ाई जाए तो प्रतिदिन लगभग दो शिकायतें पहुंचती हैं उस आधार पर 50 से ज्यादा शिकायतें मरीज और उनके स्वजन प्रतिमाह अस्पताल की अव्यवस्था और डॉक्टरों के व्यवहार आदि को लेकर की जा रही हैं। हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जो भी शिकायतें सीएम हेल्पलाइन में पहुंचती हैं उसमें से 90 प्रतिशत शिकायतों का निराकरण बराबर किया जा रहा है। जबकि एल-4 में पहुंचने वाली शिकायतों का निराकरण करना संभव नहीं हो पाता उसकी वजह है कि शिकायतकर्ता की जो शर्ते होती हैं उसे पूरा करने के लिए अस्पताल प्रशासन के पास पॉवर नहीं है। जबकि सामान्य शिकायतों का निराकरण शिकायतकर्ता से मिलकर किया जा रहा है।
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इनका कहना है
मुख्यमंत्री आनलाइन की 90 प्रतिशत शिकायतों का निराकरण किया गया हैं। कई बार ऐसी शिकायतें होती हैं कि शिकायतकर्ता की शर्त पूरी कर पाना संभव नहीं होता है। जिस संबंध में शिकायतें आ रही हैं उसमें सुधार के लिए भी पूरे प्रयास किए जाते रहे हैं।
डॉ. यत्नेश त्रिपाठी सीएमओ, एसजीएमएच।
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