MP : बोर खनन पर लगी रोक, उल्लंघन करने पर होगी 2 साल जेल और 2 हजार रुपए जुर्माना : आदेश जारी

 

           MP : बोर खनन पर लगी रोक, उल्लंघन करने पर होगी 2 साल जेल और 2 हजार रुपए जुर्माना : आदेश जारी

बैतूल: कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट की संभावना को देखते हुए जिले के समस्त विकासखण्डों एवं तहसीलों में मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के तहत पेयजल से भिन्न अन्य प्रयोजन के लिए नवीन निजी नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही बैतूल जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों को जल अभावग्रस्त घोषित किया गया है। ALSO READ MORE : अनुकंपा नियुक्ति वालों के लिए ये जरुरी खबर, सरकार बदलने जा रही ये सारे नियम

जारी आदेश में कहा गया है कि जिले में निरंतर भू-जल की गिरावट को दृष्टिगत रखते हुए अधिनियम की धारा 6(1) के अंतर्गत सम्पूर्ण जिले में अशासकीय एवं निजी नलकूप खनन करने पर आगामी 30 जून तक प्रतिबंध रहेगा। जिले की सीमा के अंदर नलकूप/बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय राजस्व अधिकारी की अनुमति के बिना प्रवेश नहीं कर सकेंगी (सार्वजनिक सडक़ों से गुजरने वाली मशीनों को छोडक़र), न ही बिना अनुमति के कोई नया नलकूप खनन करेंगी। ALSO READ MORE :  इंदौर और भोपाल में लग सकता है नाइट कर्फ्यू , कोरोना संक्रमण के मिले 467 नए केस

प्रत्येक राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीन जो अवैध रूप से जिले में प्रतिबंधित स्थानों पर प्रवेश करेगी अथवा नलकूप खनन/बोरिंग का प्रयास कर रही मशीनों को जब्त कर, पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार होगा। समस्त अनुविभागीय राजस्व अधिकारी को उनके क्षेत्रांतर्गत इस निमित्त अपरिहार्य प्रकरणों के लिए व अन्य प्रयोजनों हेतु उचित जांच के पश्चात् अनुज्ञा देने हेतु प्राधिकृत किया गया है। इस अधिसूचना का उल्लंघन करने पर अधिनियम की धारा-9 के अनुसार दो वर्ष तक के कारावास या दो हजार रूपए तक का जुर्माना या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है। ALSO READ MORE : यात्रियों के लिए खुशखबरी : रेलवे ने बदली टिकट की कीमतें, अब 50 नहीं, 30 रुपए में मिलेगा प्लेटफॉर्म टिकट

कलेक्टर बैंस ने स्पष्ट किया है कि यह आदेश शासकीय योजनाओं के अंतर्गत किए जाने वाले नलकूप उत्खनन पर लागू नहीं होगा तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्य योजनांतर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा। इस हेतु अनुज्ञा प्राप्त किया जाना आवश्यक नहीं होगा। नवीन खनित निजी नलकूप एवं अन्य विद्यमान निजी जलस्त्रोतों का आवश्यकता होने पर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु अधिनियम की धारा-4 के अंतर्गत अधिग्रहण किया जा सकेगा। ALSO READ MORE : शादीशुदा युवक ने 15 वर्षीय किशोरी से की दोस्ती, फिर डरा-धमकाकर किया दुष्कर्म

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