MP : जुड़ा V नर्सिंग / नर्सिंग स्टाफ अपनी 10 मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, कहा - मांगे पूरी नहीं हुई तो करेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल, लड़खड़ा जाएंगी सारी स्वास्थ्य सेवाएं
प्रदेश में काम कर रहा नर्सिंग स्टाफ अपनी 10 मांगों पर बार-बार सिर्फ आश्वासन से नाराज है। यही कारण है कि नर्सिंग स्टाफ ने प्रदेश स्तर पर आंदोलन की ठान ली है। बुधवार को ग्वालियर में नर्सिंग स्टाफ ने हाथ पर काली पट्टी बांधकर विरोध स्वरूप काम किया है। गुरुवार को भी यही प्रदर्शन जारी रहेगा।
इसके बाद शुक्रवार को PPE किट पहन कर धरना दिया जाएगा, 15 जून को 2 घंटे की हड़ताल कर काम बंद किया जाएगा। इसके बाद भी शासन उनकी मांगों को नहीं मानता है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर नर्सिंग स्टाफ चला जाएगा। हाल ही में जूनियर डॉक्टर ने प्रदेश स्तर पर हड़ताल की थी। जिसके बाद उनकी कुछ मांगों को माना गया है। पर नर्सिंग स्टाफ के हड़ताल पर जाने से अस्पताल में व्यवस्थाएं और ज्यादा चरमरा जाएंगी।
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मध्यप्रदेश में काम कर रहे स्टाफ नर्स की मांगों को लेकर नर्सेस एसोसिएशन कई बार शासन व प्रशासन से मुलाकात कर उनको ज्ञापन देकर हकीकत बता चुका है, लेकिन अभी तक नर्सिंग स्टाफ की मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया है, जबकि अभी कोविड पीरियड़ में सभी यह मान चुके हैं कि हेल्थ व फ्रंटलाइन वर्कर्स में सबसे आगे नर्सिंग स्टाफ ही रहा है। 12 से 15 घंटे PPE किट में रहकर वार्डो में ड्यूटी कर रहे हैं। देश पर आए इस संकट की घड़ी में अपना पूरा योग्दान दिया। कई सामाजिक संगठनों ने नर्सिंग स्टाफ के पैर छूकर उन्हे सम्मानित किया और शॉल व श्रीफल देकर मान बढ़ाया है। इसके बाद भी उनकी 10 सूत्रीय मांगों को नहीं मानने पर वह आंदोलन करने पर विवश हैं।
हड़ताल पर गए तो क्या
हाल ही में 1 जून से 7 जून तक जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर रहे थे। जिस कारण सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा गईं, लेकिन जूडा की संख्या 330 थी, लेकिन नर्सिंग स्टाफ की संख्या उनसे कई गुना ज्यादा है। अस्पतालों में डॉक्टर के अलावा सारे काम नर्सिंग स्टाफ के भरोसे रहते हैं। चाहे वह इंजेक्शन लगाना हो या ऑक्सीजन लगाना। यदि नर्सिंग स्टाफ हड़ताल पर जाता है तो स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा जाएंगी और भर्ती मरीजों की जान पर बन आएगी।
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यह है 10 मांगे
नर्सेस की मांगों को एक मंच पर लाकर समाधान किया जाए
पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए
कोरोना से जान गंवाने वाले नर्सिंग स्टाफ के परिजन को अनुकंपा नियुक्ति, साथ ही 15 अगस्त को राष्ट्रीय कोरोना योद्धा अवार्ड दिया जाए
कोविड के समय में काम के लिए नर्सेस को सम्मानित करते हुए अग्रिम दो वेतन वृद्धि का फायदा दिया जाए
वर्ष 2018 के आदर्श नियमों में संशोधन करते हुए 70% , 80% एवं 90% का नियम हटाया जाए, प्रतिनियुक्ति खत्म कर ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू की जाए
सरकारी कॉलेजों में सेवा देते समय नर्सेस को उच्च शिक्षा के लिए आयु सीमा बंधन को हटाया जाए।
कोरोना काल में अस्थाई रूप से भर्ती कि गई नर्सेस को नियमित किया जाए, प्राइवेट कंपनी से लगाई गई नर्स को भी उनकी योग्यता के अनुसार नियमित किया
नर्सेस को समान कार्य के लिए समान वेतन मान दिया जाए
प्रमोशन की जाए और नर्सेस को डेजिग्नेशन प्रमोशन दिया जाए, साथ ही अन्य स्टेट की तरह नर्सेस के पद नाम परिवर्तित किए जाएं
मेल नर्स की भर्ती की जाए
ऐसे चलेगा नर्सिंग स्टाफ का आंदोलन
9 व 10 जून को समस्त नर्स काली पट्टी बांध कर कार्य कर रही हैं और करेंगी
11 जून को PPE किट पहनकर कड़ी धूप में प्रदर्शन करेंगी
12 जून को मानव श्रृंखला बनाते हुए मांगो की तख्तियां हाथ में लेकर प्रदर्शन
13 जून को सभी मेडिकल कॉलेजों में आंदोलन से आम लोगों को होने वाली परेशानी पर माफी मांगेंगे और शासन को जगाने का प्रयास करेंगे
14 जून को सांकेतिक धरना दिया जाएगा जिसका सयम सुबह 10 से शाम 4 बजे तक रहेगा।
15 जून को 2 घंटे पूरा काम बंद कर दिया जाएगा
इसके बाद भी शासन नहीं माना तो रणनीति बनाकर अनिश्चतकालीन हड़ताल पर जाएंगे
विरोध में काली पट्टी बांधकर काम किया है
काफी समय से हमारी मांगों पर सिर्फ आश्वासन मिल रहा है इसलिए बुधवार को सभी नर्सिंग स्टाफ ने विरोध में हाथ पर काली पट्टी बांधकर काम किया है।
भावना पंकज, जिला अध्यक्ष नर्सेस एसोसिएशन