REWA : माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल की लापरवाही से रीवा जिले की एक छात्रा का भविष्य चौपट : कार्यालयों के चक्कर काट रही मेधावी छात्रा

 

REWA : माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल की लापरवाही से रीवा जिले की एक छात्रा का भविष्य चौपट : कार्यालयों के चक्कर काट रही मेधावी छात्रा

माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश भोपाल की लापरवाही से रीवा जिले की एक छात्रा का भविष्य चौपट होने की कगार पर है। बताया गया कि गणित संकाय की मेधावी छात्रा को मंडल ने हायर सेकंडरी का 29 जुलाई 2021 को रिजल्ट जारी करते समय विज्ञान की अंकसूची थमा दी है।

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यह छात्रा अब मार्कशीट सुधार के लिए इधर से उधर भटक रही है। फिर भी कहीं से ठोस आश्वासन नहीं मिल रहा है। दूसरी तरफ छात्रा का दावा है कि 12 अगस्त को यूजी में रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि है। ऐसे में प्रवेश को लेकर संकट के बादल बने हुए है।

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बता दें कि गढ़ थाना अंतर्गत फुलहा निवासी साक्षी मिश्रा पिता केशरी प्रसाद मिश्रा ने 12वीं की परीक्षा 92 प्रतिशत अंकों के साथ गांधी ग्रामोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गढ़ से उत्तीर्ण की है। इस छात्रा ने कक्षा-ग्यारहवीं से गणित संकाय में पढ़ाई की है।

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लेकिन बारहवीं का जब परिणाम आया तो उसके पैरों तले से जमींन खिसक गई। उसका परीक्षा परिणाम विज्ञान संकाय का घोषित हुआ है। उसे विज्ञान संकाय में 500 में से 458 अंक मिले। छात्रा ने अपने परिजन के साथ स्कूल पहुंचकर प्राचार्य को जानकारी दी। जिस पर उन्होंने सुधार कार्य के लिए आवश्यक प्रक्रिया करने को कहा।

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हाई स्कूल में मिले थे 94 प्रतिशत अंक

बताया गया कि छात्रा पढ़ने में काफी होशियार है। वह 10वीं में 94 प्रतिशत अंकों के साथ उसने अपनी योग्यता सबके सामने पेश की। हायर सेकंडरी में भी उसने मेधावी छात्रा के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए मेहनत की। लेकिन कोरोना की वजह से परीक्षा नहीं हुई। परिणाम घोषित करने का जो फार्मूला लागू किया गया, उसमें उसे 92 प्रतिशत अंक मिले। लेकिन उसका संकाय बदल गया। हालांकि छात्रा की अंकसूची सुधार को लेकर प्राचार्य ने माध्यमिक शिक्षा मंडल के संभागीय अधिकारी को पत्र लिखा है। छात्रा ने सुधार के लिए निर्धारित शुल्क भी जमा कर दिया है।

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अब अटक सकता है कॉलेज में प्रवेश

अंकसूची में संकाय बदल जाने से छात्रा का कॉलेज में प्रवेश अटक गया है। छात्रा के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि कॉलेज में प्रवेश कैसे ले। जिस विषय की उसने पढ़ाई नहीं की, उसकी अंकसूची मिल गई है। यदि इसी अंकसूची के आधार पर एडमीशन लेती है तो आगे समस्याएं आएंगी। साथ ही उसका एडमीशन दस्तावेजों के सत्यापन के समय खारिज हो सकता है। वहीं विश्वविद्यालय में नामांकन के समय कई प्रकार की अड़चने आ सकती है।

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लगभग 2 हजार छात्रों के अंकसूची में हुई गड़बड़ी

माध्यमिक शिक्षा मंडल कार्यालय भोपाल गए लोगों ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश में 2 हजार छात्रों की अंकसूची में गड़बड़ियां हुई है। आरोप है कि कोरोना काल में किसी का रिकार्ड स्कूल से गलत भेजा गया तो किसी का संकुल केन्द्र में गड़बडियां हुई। इसी तरह बीईओ, डीईओ और माध्यमिक शिक्षा मंडल के ​रीजनल कार्यालय द्वारा जल्दबाजी में रिजल्ट भेज दिया गया। ऐसे में अब हजारों छात्र परेशान है।

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लोग सीधे जा रहे भोपाल

बच्चों के भविष्य को देखते हुए ज्यादातर छात्रों के परिजन सीधे मंडल कार्यालय भोपाल जा रहे है। जिससे तुरंत काम हो जाए। हालांकि भारी संख्या में अंकसूची की त्रुटि सुधार के लिए पहुंच रहे लोगों को देखते हुए वहां पर अलग काउंटर बनाया गया है। लेकिन तुरंत काम जुगाड़ वालों का ही हो रहा है। फिर भी लोग उम्मीद लगाए भोपाल में डेरा जमाए हुए है। जिससे छात्रों को निर्धारित समय में यूजी में दाखिला मिल सके।

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