REWA : बाढ़ जैसे हालात : रीवा जिले के सभी शहरों-कस्बों में 4 से 6 इंच बारिश, आज 10 जिलों में रेड अलर्ट

 

REWA : बाढ़ जैसे हालात : रीवा जिले के सभी शहरों-कस्बों में 4 से 6 इंच बारिश, आज 10 जिलों में रेड अलर्ट

प्रदेश में पिछले 24 घंटे से मानसून ज्यादा सक्रिय बना हुआ है। रीवा जिले में 4 से 6 इंच बारिश रिकॉर्ड होने से बीहर बैराज के 18 और बकिया के 12 गेट खोलने से तीन हजार क्यूसेक पानी जवा पहुंच गया। इससे टमस नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंचने से 2 दर्जन गांवों का रास्ता बंद हो गया और त्योंथर तहसील के ऊसर गांव से 300 लोगाें को निकालकर सुरक्षित जगह भेजा गया।

MP के 22 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, एक साथ रेड-ऑरेंज अलर्ट जारी

घुचियारी गांव में कच्चा मकान गिरने से मां-बेटे सहित चार की मौत हो गई। इधर, पार्वती और सिंध में उफान से भिंड और श्योपुर के कई गांव बाढ़ में घिर गए हैं। वहीं सिंगरौली में सामंता कंपनी की बाउन्ड्री वॉल गिरने से एक मजदूर के दो बच्चों की मौत हो गई। बतादें कि प्रदेश में अब तक सामान्य कोटे से 5% ज्यादा बारिश हो चुकी है। 36 शहरों-कस्बों में रविवार को 6 इंच तक बारिश हुई।

चुनिंदा जेलों में से एक चंबल घाटी की ' तिहाड़ जेल ' : इस जेल में खूंखार डकैत मानसिंह, फक्कड़ बाबा और निर्भय गुर्जर के गिरोह ने भी काटी सजा

यहां अलर्ट : मौसम विभाग ने सोमवार के लिए 10 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, श्योपुर, मुरैना, भिंड आिद शामिल हैं। जबकि भोपाल, सागर सहित 16 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

दो युवकों ने अंग्रेजी शराब की दुकान पर पहुंचकर दो बोल्ट बीयर मांगी; रुपए मांगे तो सीने पर अड़ा दी पिस्टल : फिर ....

राजधानी में तेज बारिश क्यों नहीं...भोपाल में दो सिस्टम बने, दोनों ही यहां से दूर थे, इसलिए बेअसर रहे

राजधानी में 10 दिन से घने बादल छाए हुए हैं। लेकिन बारिश रिमझिम ही हो रही है। रविवार को ऐसा ही हुआ। बादलों की ऊंचाई सिर्फ 150 मीटर थी, फिर भी सुबह से शाम 5:30 बजे तक सिर्फ 1.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। दिन का तापमान 25.2 डिग्री दर्ज किया गया। यह सामान्य से 4 डिग्री कम रहा।

भ्रष्ट पुलिस प्रशासन : युवती पर बदमाशों ने अपने साथ नहीं चलने की बात पर किया ब्लेड से जानलेवा हमला : दो दिन तक फाइलों में दबा रहा प्रकरण

मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला ने बताया कि 23 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बना था। यह झारखंड होते हुए आगे निकल गया। 28 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में ही दूसरा ऐसा ही सिस्टम बना। यह वेल मार्क लो में बदलकर दक्षिणी उत्तर प्रदेश के मध्य हिस्से तक ही पहुंचा। इसका ज्यादा असर भोपाल के बजाय ग्वालियर, चंबल, रीवा, सागर संभाग में हुआ। ये सिस्टम स्ट्रॉन्ग होते हैं तो 400 किमी दायरे में ही इसका ज्यादा असर होता है। यदि यह सागर तरफ भी आते तो भोपाल में तेज बारिश होती।

Related Topics

Latest News