REWA : दिल दहला देने वाली घटना : मॉर्निंग वाक पर निकले किशोर की नहर में मिली बॉडी, आरोप ; 2 लड़कियों सहित 5 नाबालिगों ने मिलकर की हत्या
( ग्राउंड एमपी 17 ऋतुराज द्विवेदी की रिपोर्ट ) रीवा में तीन दिन पहले लापता हुए किशोर की डेड बॉडी मिलने पर परिजनों ने पीएम के समय संजय गांधी अस्पताल में जमकर बवाल मचाया है। एएसपी शिवकुमार वर्मा ने बताया कि 7 दिसंबर को मॉर्निंग वाक पर निकले किशोर का शव संदिग्ध हालत में 48 घंटे बाद सगरा थाना क्षेत्र की भाठी नहर से बरामद हुआ था।
ऐसे में थाना पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई कर शव की शिनाख्त करते हुए संजय गांधी अस्पताल की मर्चुरी में रखा दिया था। लेकिन चौथे दिन पीएम के समय परिजनों ने बवाल मचा दिया था। एहतियात के तौर पर अमहिया, बिछिया, सगरा और समान का बल मौजूद रहा।
परिजनों ने आरोप लगाया है कि विनीत कुमार गुप्ता पुत्र मेवालाल (16) निवासी संजय नगर थाना समान 7 दिसंबर की सुबह 5 बजे मॉर्निंग वाक पर रतहरा नहर गया था। लेकिन जब सुबह 6 बजे ट्यूशन के समय में नहीं पहुंचा तो परिजन परेशान हुए।
फिर लगा कि शायद 8 बजे ट्यूशन से लौटे। किशोर नहीं लौटा तो उसके संपर्क में रहने वाली एक लड़की और एक लड़का के घर जाकर पूरी कहानी जानी। लेकिन वह गुमराह करते रहे।
लापता युवक का नहर से शव बरामद : 48 घंटे बाद 10 किलोमीटर दूर मिला शव, हत्या या हादसे में उलझी पुलिस
अंतत: शाम तक समान थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। इसी बीच 9 दिसंबर की शाम 4 बजे सगरा थाना क्षेत्र की भाठी नहर में एक लाश मिली। तब समान पुलिस ने सगरा पुलिस से संपर्क कर शव की शिनाख्त विनीत कुमार गुप्ता के रूप में कर अस्पताल में शाम 6 बजे शव रखा दिया।
10 दिसंबर को छावनी में तब्दील रहा अस्पताल
एसजीएमएच में शुक्रवार को सुबह से चल रहे बवाल को लेकर एएसपी शिव कुमार वर्मा सहित अमहिया थाना प्रभारी गीतांजलि सिंह, बिछिया थाना प्रभारी जगदीश सिंह ठाकुर, सगरा थाना प्रभारी ऋषभ सिंह बघेल और समान थाना प्रभारी सुनील गुप्ता सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। अंतत: दोपहर 3 बजे के बाद 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर के बाद परिजन पीएम के लिए राजी हुए। तक पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली।
चौथे दिन दिनभर चला बवाल
पड़ोसियों ने बताया कि 2 लड़कियों सहित 5 नाबालिगों ने मिलकर पहले हत्या की। फिर 10 किमी. दूर जाकर नहर में लाश को फेंक दिया था। दावा है कि हत्या लापता होने के दूसरे दिन की गई है। क्योंकि अगर पहले हत्या की होती तो उसी दिन शव बरामद हो जाता। लेकिन दूसरे दिन 48 घंटे के बाद शव बरामद होना संदेह के दायरे में है। ऐसे में आरोपियों को नामजद कर गिरफ्तारी की मांग की है। एएसपी के आश्वासन पर एफआईआर दर्ज होने के बाद परिजन मान गए है।
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