REWA : विरासत से छेड़छाड़, कलेक्टर के बाद संभागायुक्त का तबादला : TRS कॉलेज के सर्मथन में ज्ञापनो का दौर हुआ शुरू

 
REWA : विरासत से छेड़छाड़, कलेक्टर के बाद संभागायुक्त का तबादला : TRS कॉलेज के सर्मथन में ज्ञापनो का दौर हुआ शुरू

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। विंध्य की अनमोल धरोहर में शुमार प्रथम शैक्षणिक संस्था के स्थापना मुद्दे पर प्रशासनिक हठ धर्मिता रीवा कलेक्टर रहे बसंत कुर्रे के बाद संभागायुक्त डॉ अशोक भार्गव को खासी महंगी पड़ी है। विंध्य की विरासत के स्थापना को लेकर किए गए सुनियोजित छेड़छाड़ की वजह से कलेक्टर और संभागायुक्त जैसे दिग्गज अधिकारियों का बोरिया बिस्तर शासन ने खुद बांधना बेहतर समझा है। विंध्य का अपने आपको तथाकथित सीएम मानने वाले पावरफुल नेताजी के इशारे पर शासकीय ठाकुर रणमतसिंह महाविद्यालय और वहां के तत्कालीन प्राचार्य डॉ रामलला शुक्ल को दिग्गज अधिकारियों ने अपने निशाने पर लिया। शिकायतों के सहारे रोजी रोटी कमाने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता ने संभागायुक्त डॉ अशोक भार्गव को एक ज्ञापन पत्र सौंपकर टीआरएस कालेज के स्थापना मुद्दे पर जांच कराने की मांग उठाई। 
संभागायुक्त ने शिकायती पत्र प्रेषित करते हुए कलेक्टर बसंत कुर्रे को जांच के लिए निर्देशित किया। भाजपा सरकार के पिछले पंद्रह वर्षीय शासनकाल में दोनों हाथों से मलाई छानने वाले सुपरपावर लीडर ने कलेक्टर को अपने राजनैतिक प्रभाव में लेकर टीआरएस कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य डॉ रामलला शुक्ल के विरूद्ध मामले को मजबूत बनाने के लिए कहा। राजनैतिक पावर के आगे नतमस्तक होकर रीवा के तत्कालीन कलेक्टर बसंत कुर्रे ने विंध्य क्षेत्र की अनमोल धरोहर में शुमार टीआरएस कॉलेज के स्थापना मुद्दे पर छेड़छाड़ करते हुए उसे 1972-73 बताया।

कलेक्टर के जांच प्रतिवेदन को बिना देखे, परखे संभागायुक्त डॉ अशोक भार्गव ने जांच प्रतिवेदन आयुक्त उच्च शिक्षा भोपाल को भेज दिया, जिससे टीआरएस कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य डॉ रामलला शुक्ल पर आवश्यक कार्रवाई को अंजाम दिया जा सके। विंध्य क्षेत्र की विरासत के स्थापना से छेड़छाड़ किए जाने की जानकारी जैसे ही शासन स्तर पहुंची तो सबसे पहले रीवा कलेक्टर बसंत कुर्रे को तबादला करते हुए रीवा से रवाना किया गया, तो वहीं अब पूरे सुनियोजित खेल के मास्टरमाइंड संभागायुक्त डॉ अशोक भार्गव को रीवा से निपटाने का फरमान बुधवार को शासन ने जारी कर दिया। इस तरह से एक बार फिर सुपरपावर लीडर को मुंह की खानी पड़ी है। शासकीय ठाकुर रणमतसिंह महाविद्यालय के स्थापना मुद्दे पर किए गए छेड़छाड़ के खिलाफ लगातार रीवा में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है।

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सबसे पहले टीआरएस कालेज के पुरा छात्र परिषद के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता घनश्याम सिंह ने संभागायुक्त को प्रमाण सहित हकीकत से परिचित कराया, इसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने संभागायुक्त कार्यालय में दस्तक देकर आवश्यक कार्रवाई के लिए एक ज्ञापन पत्र सौंपा। वहीं बुधवार को बाह्मण संघ ने संभागायुक्त कार्यालय में पहुंच कर ज्ञापन पत्र सौंपा है। इसी कड़ी में अभी और समाज के लोग सड़कों पर उतर कर टीआरएस कालेज के स्थापना मुद्दे पर किए गए छेड़छाड़ का विरोध पुरजोर तरीके से करेंगे। 

महाराज रघुराज सिंह की देन है टीआरएस कॉलेज

विंध्य क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थानों के मामले में रीवा राजघराने की भूमिका किसी से छिपी नहीं है। शासकीय ठाकुर रणमतसिंह महाविद्यालय संस्थान की स्थापना सन् 1869 में एक पब्लिक स्कूल के तौर पर ग्वालियर रियासत के मंत्री दिनकर राव ने की थी। महाराजा रघुराज सिंह के शासनकाल में विंध्य क्षेत्र का पहला शैक्षणिक संस्थान शुरू हुआ। सन् 1976 में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल को पत्र लिखकर टीआरएस कॉलेज के शताब्दी समारोह मनाने के लिए कहा था। अगले ही साल 1977 में आपातकाल लागू हो गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह ने पुनः तत्कालीन सीएम को पत्र लिखा। काफी विलम्ब के बाद सन् 1983 में टीआरएस कालेज के शताब्दी समारोह का आयोजन कराया गया। 
रीवा स्टेट गजेटियर और भारत के गजेटियर में भी बकायदा टीआरएस कॉलेज की स्थापना सन् 1869 ही बताई गई है। सन् 2019 में टीआरएस कालेज की स्थापना के 150 वर्ष पूरे हो जाने के बाद टीआरएस कॉलेज की जनभागीदारी समिति ने 150 वां स्थापना दिवस समारोह मनाने का निर्णय लिया। कालेज में पहली बार पुरा छात्र परिषद का गठन हुआ जिसके अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता घनश्याम सिंह को बनाया गया। सबकुछ सही चल रहा था तभी सुपरपावर लीडर के राजनैतिक प्यादे के कैरियर को सुरक्षित रखने के लिए महिमा मंडित करने का काम कलेक्टर और संभागायुक्त जैसे दिग्गज अधिकारियों ने किया।

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लेकिन सत्य को आखिर कब तक दबाया जा सकता है, संभागायुक्त डॉ अशोक भार्गव ने डॉ रामलला शुक्ल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जो जांच प्रतिवेदन भेजा था उसके सामने आते ही पूरे रीवा में अचानक उबाल आने लगा। विरासत की स्थापना से छेड़छाड़ किए जाने की सूचना जब शासन स्तर पहुंची तो सबसे पहले रीवा कलेक्टर बसंत कुर्रे और उसके बाद संभागायुक्त डॉ अशोक भार्गव को रीवा से रुखसत कर दिया गया।

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महाराज पुष्पराज सिंह ने खोला मोर्चा, खिंचा माहौल

शासकीय ठाकुर रणमतसिंह महाविद्यालय के स्थापना मुद्दे पर सुनियोजित छेड़छाड़ किए जाने का जांच प्रतिवेदन सामने आते ही रीवा में विरासत के लिए एक अलग ही माहौल देखने को मिल रहा है। जहां पहले रीवा रियासत के युवराज सिरमौर विधायक दिव्य राज सिंह ने री ट्वीट कर टीआरएस कॉलेज को विंध्य का सम्मान बताया तो वहीं बुधवार को महाराज पुष्पराज सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कलेक्टर और संभागायुक्त की सरासर मनमानी पूर्ण कार्रवाई पर विरोध दर्ज कराया।

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उन्होंने कहा कि विंध्य क्षेत्र में शैक्षणिक माहौल बनाने में रीवा राजघराने का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखकर टीआरएस कालेज की वास्तविकता से अवगत कराया है। इसके साथ ही बाह्मण संघ ने भी मोर्चा खोलते हुए दिग्गज अधिकारियों को नेताओं के हाथों की कठपुतली करार दिया है।


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