MP : 31 जुलाई तक हो सकेंगे तबादले : अधिकारी से कर्मचारी तक परेशान, 24 हजार एप्लिकेशन पेंडिंग : मंत्रियों के दफ्तर और मंत्रालय में अटकी लिस्ट

 

MP : 31 जुलाई तक हो सकेंगे तबादले : अधिकारी से कर्मचारी तक परेशान, 24 हजार एप्लिकेशन पेंडिंग : मंत्रियों के दफ्तर और मंत्रालय में अटकी लिस्ट

मध्य प्रदेश में 31 जुलाई तक तबादले हो सकेंगे। इसमें सिर्फ 6 दिन बाकी हैं और तबादला सूची अब तक जारी नहीं हो सकी है। इससे अधिकारी और कर्मचारी परेशान हैं। बताया जा रहा है कि सभी विभागों में करीब 24 हजार ट्रांसफर एप्लिकेशन पेंडिंग हैं।

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इसकी वजह तबादला नीति में शामिल दो नियम हैं। इसके चलते तबादला सूचियां मंत्रियों के यहां अटकी हैं। कई मंत्री सूची अनुमोदित कर मंत्रालय भेज चुके हैं, लेकिन विभाग के अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिवों ने जांच के नाम पर अब तक आदेश जारी नहीं किए।

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मध्य प्रदेश में तबादले 1 से 31 जुलाई के बीच किए जाने के निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिए थे। इसके आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने नीति जारी की थी। इसमें कहा था कि तबादलों की अंतिम तारीख 31 जुलाई के बाद एक भी आदेश जारी नहीं किया जाएगा, लेकिन 25 दिन बीत जाने के बाद उच्च शिक्षा, जल संसाधन, वाणिज्यिक कर और पंचायत एवं ग्रामीण विभाग विभाग ने एक-एक सूची जारी की है।

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मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि तबादला सूचियां जारी नहीं हो पाने की दो वजह हैं। दरअसल, तबादला नीति में साफ कहा गया कि तबादला आदेश जारी करते समय यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी आदेश को न्यायालय में चुनौती ना दी जा सके। यदि ऐसा होता है तो इसके लिए संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव अथवा प्रमुख सचिव जिम्मेदार होंगे। इसके साथ ही विभाग प्रमुखों को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि वे तबादला सूची अपने ऑफिशियल ई-मेल से जारी करेंगे।

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इस दो नियमों के चलते अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव मंत्रियों से अनुमोदित तबादला सूचियों को बारीकी से परीक्षण कर रहे हैं। इसके चलते आदेश जारी होने में विलंब हो रहा है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने दावा किया है कि सभी विभागों में 24 हजार से ज्यादा आवेदन लंबित हैं। कई मंत्रियों के यहां सूची अभी तक फाइनल नहीं हो पाई है। हालांकि, अधिकतर मंत्रियों ने सूची अनुमोदित कर विभाग के अपर मुख्य सचिव या फिर प्रमुख सचिव को भेज दी है। इसके बावजूद आदेश जारी नहीं हाे पाए हैं।

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30% तबादलों तक के प्रस्ताव

सूत्रों बताया कि तबादला नीति में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी विभाग में संबंधित संवर्ग में 10% से अधिक तबादले नहीं किए जाएंगे। कई मंत्रियों ने 20 से 30% तक नाम अनुमोदित कर दिए हैं। ऐसे में मंत्रालय के अफसर असमंजस में हैं कि नाम कैसे कम किए जाएं? हालांकि इसे लेकर मंत्रियों और विभाग प्रमुखों के साथ बैठक कर ली है।

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विधायकों का ज्यादा दबाव

तबादलों को लेकर मंत्री भी परेशान हैं। इसकी वजह यह है कि हर विधायक ने 20% से 50% तक तबादले करने की सिफारिशें की हैं। इसके अलावा संगठन के पदाधिकारी भी तबादलों को लेकर मंत्रियों पर दबाव बना रहे हैं। एक जुलाई से हटे प्रतिबंध के बावजूद 25 जुलाई तक भी सूचियां विभागों में ही अटकी होने की यह भी एक वजह है।

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कैबिनेट बैठक में सीएम के सामने उठाएंगे मुद्दा

सूत्रों का कहना है कि अब तक सूचियां जारी नहीं होने के कारण कई मंत्री नाराज हैं। वे 27 जुलाई को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस मुद्दे को उठाएंगे। ऐसा भी माना जा रहा है कि ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार तबादला से हटे प्रतिबंध की समय सीमा बढ़ा सकती है।

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इसलिए परेशान कर्मचारी

राज्य कर्मचारी संगठनों का कहना है कि दो साल बाद तबादलों से रोक हटी है, लेकिन अभी तक आदेश जारी नहीं हो पाए हैं। कर्मचारियों के सामने परेशानी यह है कि सरकार ने स्कूल खोलने का निर्णय ले लिया है। यदि समय रहते तबादला सूची जारी नहीं होने के कारण नई पोस्टिंग वाले शहर में बच्चों के एडमिशन कराने में दिक्कत आएगी। इसके साथ ही कोरोना की तीसरी लहर आने का खतरा बना हुआ है। एक्सपर्ट संभावना व्यक्त कर चुके हैं कि अगस्त के तीसरे सप्ताह में नया वैरिएंट एक्टिव हो सकता है।

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