Ukraine से Rewa पहुंची साक्षी सिंह : 5​ दिन के संघर्ष के बाद पहुंची थी रोमानिया बॉर्डर, बोली; लंबे ट्रैफिक के कारण 10 KM पैदल चलना पड़ा

 

Ukraine से Rewa पहुंची साक्षी सिंह : 5​ दिन के संघर्ष के बाद पहुंची थी रोमानिया बॉर्डर, बोली; लंबे ट्रैफिक के कारण 10 KM पैदल चलना पड़ा

यूक्रेन के इवानो शहर में MBBS की पढ़ाई करने गई MP के रीवा शहर की बिटिया साक्षी सिंह परिहार बुधवार की रात सुरक्षित घर पहुंच गई है। परिजनों ने दावा किया कि साक्षी सिंह भारतीय तिरंगा की बदौलत आज जिंदा है। वह 5​ दिन के संघर्ष के बाद रोमानिया बॉर्डर पहुंची थी। लंबे ट्रैफिक के कारण उसको 10 KM पैदल चलना पड़ा था।

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भारतीय दूतावास ने इंडिया का फ्लैग लगाकर ट्रैवल करने की एडवाइजरी जारी की थी। जिसका छात्रों के दल ने पालन किया। नतीजन साक्षी वाला दल सोमवार को रोमानिया बॉर्डर पहुंच गया था। वहीं दूसरी तरफ इंडिया के एजेंटों द्वारा एयर इंडिया की फ्लाइट के समस्त दस्ताबेज तैयार कर लिए थे। ऐसे में मंगलवार की रात इंदिरा गांधी इंटर नेशनल एयरपोर्ट दिल्ली प्लेन पहुंची थी।

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इसके बाद दिल्ली से रवाना होकर दूसरे दिन शाम को प्रयागराज पहुंची। जहां पहले से मौजूद मम्मी-पापा सहित परिजन बाई कार रीवा लेकर पहुंचे तो त्योहार जैसा माहौल रहा। गौरतलब है कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल ने पांच दिन पहले पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर साक्षी सिंह की सुरक्षित वतन वापसी की गुहार लगाई थी।

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एमबीबीएस थर्ड ईयर की छात्रा थी

बता दें कि शहर के वार्ड क्रमांक 25 विवेकानंद निवासी प्रतिष्ठत व्यापारी ब्रिजेन्द्र सिंह परिहार की सबसे छोटी बेटी साक्षी सिंह परिहार यूक्रेन के इवानो में एमबीबीएस थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रही थी। लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के कारण साक्षी एयरपोर्ट के नजदीक एक बंकर में कैद दी। साक्षी सिंह ने बताया कि समय रहते भारत सरकार की ओर से यूक्रेन में फंसे छात्रों को नदजीकी बॉर्डर पहुंचने की एडवाइजरी जारी की। दूसरी तहर आंखों के सामने हो रहे धमाकों और गोली बारी के बीच खुद को संभालना मुश्लिक हो गया था। 24 घंटे सायरन की आवाज सुनकर छात्र डरे हुए थे।

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बेटी को देख मां की आंखे फर आई

दो देशों की जंग में एक सप्ताह तक फंसी रहने वाली बेटी की याद में मां सीता सिंह का रो-रोकर बुरा हाल था। वह दिन रात बेटी की चिंता में परेशान थी। लेकिन बुधवार को जब प्रयागराज एयरपोर्ट में पहली बार देखी तो आंखों में खुशी के आंसू भर आए। सामने आते देख बेटी को दौड़कर गले लगा लिया। मां ने केन्द्र सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज मेरी बेटी भारत सरकार की सही नीतियों के कारण जिंदा लौटी है। इसके लिए पीएम नरेन्द्र मोदी से लेकर भारतीय दूतावास बधाई के पात्र है।

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शहर में जोरदार हुआ स्वागत

साक्षी रीवा पहुंते ही सबसे पहले समान तिराहा स्थित अपने पिता के प्रतिष्ठान में पहुंची। कार से उतरते ही शहरवासियों ने साक्षी का गाजे-बाजे के साथ स्वागत किया। इस कार्य में ब्रिजेन्द्र सिंह परिहार के ईष्ट मित्र व सहयोगी आगे रहे। यूक्रेन के किस्से शेयर करते हुए साक्षी ने कहा कि वहां के हालत बहुत खराब है। अभी भी हमारे देश के हजारों छात्र फंसे है। जिनको जल्द से जल्द वतन वापसी की जरूरत है। वहां फंसे छात्र भगवान से जिंदगी की दुआ मांग रहे है।

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